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Hapur Crime: सावधान... साइबर ठग आपकी फिंगरप्रिंट और ATM कार्ड की कर सकते है क्लोनिंग, बचने के लिए उठाएं ये कदम

कैशलेश इकोनामी के दौर में लोगों के साथ-साथ साइबर अपराधी भी हाइटेक हो गए हैं। आनलाइन लेन-देन से जहां मानवीय जीवन को सुविधाजनक बनाया है वहीं दूसरी ओर लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए साइबर अपराधियों ने नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं।

By Kesav TyagiEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 01 Feb 2023 08:25 PM (IST)
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सावधानी ही ठगी का शिकार होने से बचने का सरल उपाय है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कैशलेश इकोनामी के दौर में लोगों के साथ-साथ साइबर अपराधी भी हाइटेक हो गए हैं। आनलाइन लेन-देन से जहां मानवीय जीवन को सुविधाजनक बनाया है, वहीं दूसरी ओर लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए साइबर अपराधियों ने नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं। ऐसे में आधार कार्ड एवं फिंगरप्रिंट के जरिए एईपीएस (आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम) से लेन-देन करते लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि आपके फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर अपराधी आपको चूना लगा सकता हैं। एटीएम कार्ड क्लोनिंग से भी आपके साथ ठगी हो सकती है। सावधानी ही ठगी का शिकार होने से बचने का सरल उपाय है।

ऐसे होती है फिंगर प्रिंट क्लोनिंग

साइबर ठग इस प्रकार की क्लोनिंग के लिए केवाईसी केंद्रों पर फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन पर एक प्रकार का केमिकल लगा देते हैं। जहां से वह आपके फिंगर की छाप ले लेते हैं। इससे वे आपके फिंगर प्रिंट का हूबहू क्लोन बनाकर आपकी आईडी में संशोधन करके आपके बैंक सहित अन्य दस्तावेजों पर नियंत्रण पा लेते हैं। इतना ही नहीं भू-लेख विभाग की वेबसाइट से भी अंगूठे का निशान उठा लेते हैं।

फिंगर प्रिंट क्लोनिंग के एक्सपर्ट पहले महंगे केमिकलों के जरिए क्लोन बनाते थे, लेकिन अब इसमें भी ठगों ने जुगाड़ ढूंढ लिया है। प्लास्टिक चिपकाने वाली ग्लू गन के जरिए बड़ी आसानी से फिंगर प्रिंट के क्लोन बनाए जा रहे हैं। इसमें महज दो से पांच रुपए का खर्च आता है।

एटीएम कार्ड की क्लोनिंग

साइबर ठग एटीएम क्लोनिग के लिए आमतौर पर एटीएम मशीनों में स्कीमर फिट कर देते हैं। रुपये निकालते समय जब कोई व्यक्ति एटीएम मशीन में अपने कार्ड को स्वाइप करते हैं तो कार्ड की सारी गोपनीय जानकारी स्कीमर मशीन में कापी हो जाती है। इसके बाद ठग आपके कार्ड की सारी जानकारी को कंप्यूटर या अन्य तरीकों के जरिये खाली कार्ड में डालकर क्लोन तैयार कर लेते हैं। जिसके बाद एटीएम क्लोन के जरिए बैंक खातों से रकम साफ कर देते हैं।

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

एईपीएस (आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम) से लेन-देन करते वक्त सबसे पहले सेंटर की और उसके मालिक की अथारिटी जरूर चेक करें। अलग से किसी और पेपर पर या डिवाइस पर अंगूठे का निशान न दें। आजकल डोर-टू-डोर घूमकर बहुत से लोग किसी सर्विस के बहाने आपका आधार नंबर और अंगूठे का निशान ले लेते हैं। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने आधार नंबर के साथ अंगूठे का निशान न दें।

-विनीत मलिक, साइबर सेल प्रभारी।

ठगी से बचने के लिए ऐसे करें बचाव

  • एटीएम से रुपये निकालते समय किसी को साथ लेकर अंदर न जाए।
  • एटीएम मशीन के कार्ड डालने वाली स्लाट ढीला है अथवा नहीं जांच कर लें।
  • एटीएम मशीन का स्लाट ढीला है तो मशीन में अपना कार्ड बिल्कुल न डालें।
  • कार्ड स्लाट के पास लगी लाइट न जली हो को एटीएम कार्ड मशीन में न डालें।
  • पासवर्ड डालते वक्त हाथों से कीपैड को ढक लें, ताकि हिडन कैमरा आपका पासवर्ड न देख सके।
  • एटीएम का की-पैड जरा सा भी ढीला लग रहा है तो रुपये न निकालें।
  • फिंगर प्रिंट स्कैनर पर उंगली रखने के बाद उस स्कैनर को साफ करने के लिए कहें।
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