Hapur: सरकारी जमीन अपने नाम कराकर NHAI से लिया मुआवजा, अब BJP विधायक और उनकी भतीजी से होगी 2 करोड़ की वसूली
जिला प्रशासन ने भाजपा विधायक और उनकी भतीजी को दो करोड़ से ज्यादा रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया है। सपा शासन में विधायक रहने के दौरान विधायक ने सरकारी जमीन को अपने और स्वजन के नाम पर करा लिया था। यह जमीन मेरठ एक्सप्रेस-वे (Meerut Expressway) में आ गई थी। एनएचएआई (NHAI) से इसका मुआवजा विधायक और उनके स्वजन ने प्राप्त कर लिया था।
KGP एक्सप्रेस-वे के निर्माण की चल रही थी तैयारी
धौलाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक धर्मेश तोमर पहले सपा में थे। उस समय केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे के निर्माण की तैयारी चल रही थी। उसी समय विधायक धर्मेश तोमर ने अपने और स्वजन के नाम डासना क्षेत्र में जमीन खरीदी थी। यह जमीन सरकारी पट्टों की थी।NHAI के सीमांकन क्षेत्र में आई जमीन
लोगों ने की थी शिकायत
जांच में हुआ पर्दाफाश
सरकारी पट्टे की जमीन के खरीदने जाने की जांच में आरोप सही पाए गए। पट्टे की जमीन को गलत तरीके से खरीदा गया था। न्यायालय ने जमीन को दोबारा से पंचायत के खाते में दर्ज करने के आदेश दिए। उसके बाद विधायक और उनके स्वजन वाली जमीन को वापस ग्राम पंचायत की जमीन में शामिल कर दिया गया। इस तरह के डासना क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा मामले पाए गए हैं। ये भी पढ़ें- Hapur Crime: तलाकशुदा महिला से पांच साल तक दुष्कर्म करता रहा मौलवी, Video बनाकर ऐंठता रहा पैसेनोटिस किए गए जारी
भाजपा विधायक धर्मेश तोमर और उनके भाई निरंकार तोमर की बेटी अंशु तोमर को गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी श्यामअवध चौहान ने नोटिस जारी किया। इन दोनों को अलग-अलग 1,08,26,400 रुपये की मुआवजा राशि प्रदान की गई थी। अब विधायक धर्मेश तोमर और उनकी भतीजी अंशु तोमर का दो करोड़, 16 लाख, 52 हजार 800 रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया गया है।हमने कोई अवैध कार्य नहीं किया है। इस जमीन को खरीदा था, जोकि बाद में ग्राम पंचायत की बताई गई। ऐसे दर्जनों मामले हैं। नोटिस हमको मिल गए हैं। अब हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। -धर्मेश तोमर, भाजपा विधायक, धौलाना विधानसभा क्षेत्र।
हमने विधायक और उनकी भतीजी को रिकवरी नोटिस भेजा था। जिस जमीन पर उन्होंने मुआवजा लिया था, वह ग्राम पंचायत की थी। अब दोबारा से जमीन ग्राम पंचायत के खाते में शामिल कर दी गई है। नोटिस का जवाब नहीं देने पर उनकी आरसी जारी करके वसूली की जाएगी। क्षेत्र में ऐसे कई मामले विचाराधीन हैं। -श्यामअवध चौहान, एडीएम, गाजियाबाद।