Hapur: मोहित की हैवानियत देख सहमे लोग देखते रहे मौत का तमाशा, बुजुर्ग के खून की छींटों से रंग गई दीवारें
Hapur Murder Case समरपाल के मौत के बाद जतन सिंह नहीं चाहते थे कि उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य की मौत का कारण शराब बने। मगर पिता के नक्शे कदम पर चलकर मोहित शराब का आदी हो गया। हत्याकांड के बारे में जिसने भी सुना उसके कदम जतन सिंह के घर की तरफ खिंचे चले आए। घटनास्थल पर खून पड़ा देखकर लोग सहम उठे।
By Kesav TyagiEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 21 Aug 2023 11:15 AM (IST)
हापुड़, केशव त्यागी। रात के करीब नौ बजे थे। हर रोज की तरह मकान के बाहरी हिस्से में जतन सिंह चारपाई पर लेटकर पोते मोहित का इंतजार कर रहे थे। उन्हें, नहीं पता था कि मोहित उनकी मौत बनकर आने वाला है। लड़खड़ाते कदमों से मोहित ने मकान का मुख्य दरवाजा खोला।
उन्होंने डांट-फटकारकर उसे समझाने का प्रयास किया। तभी मोहित सिर पर खून सवार हो गया। इंसान से हैवान बनकर उसने दादा पर खटफावड़ी से हमला कर दिया। बुजुर्ग चीखता-चिल्लाता रहा। मगर, मोहिता का दिल नहीं पसीजा। मौके पर पहुंचे स्वजन और आसपास के ग्रामीण मौत का तमाशा देखते रहे, लेकिन हैवानियत के रूप लिए हत्यारोपित को रोकने के लिए किसी के कदम आगे नहीं बढ़ सके।
गांव गोहरा आमलमगीरपुर के जतन सिंह ने करीब डेढ़ साल पहले शराब का आदी होने के चलते पुत्र समरपाल को खो दिया था। उनके दो पुत्र लीलू और ओमपाल हैं। लीलू उन्हीं के साथ रहता था। जबकि ओमपाल अपने परिवार के साथ अलग मकान में रहता है।
पिता के नक्शे कदम पर चलकर शराब का आदी हो गया मोहित
समरपाल के मौत के बाद जतन सिंह नहीं चाहते थे कि उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य की मौत का कारण शराब बने। मगर, पिता के नक्शे कदम पर चलकर मोहित शराब का आदी हो गया। इस बात का पता जतन सिंह को तब लगा जब मोहित खुलेआम शराब के नशे में धुत होकर घर आने लगा। पोते की शराब बंद कराने के लिए जतन सिंह ने लाख जतन किए लेकिन, उसमें सुधार नहीं हो रहा था।जतन सिंह को अभी भी उम्मीद थी कि एक दिन वह पोते की शराब की लत छुड़ाने में कामयाब हो जाएंगे। मगर, उन्हें नहीं पता था कि जिस पोते की जिंदगी को बचाने का वह प्रयास कर रहे हैं वहीं, पोता उन्हें मौत के घाट उतार देगा। शनिवार रात वह डांट-फटकारकर वह पोते को समझाने का प्रयास कर रहे थे।
तभी हैवान बना मोहित काल बनकर दादा पर टूट पड़ा। खटफावड़ी के हर वार के बाद बुजुर्ग के शरीर से निकले खून के छींटे छत व दीवारों पर जाकर गिर रहे थे। इस दृश्य को देकर मोहित के स्वजन व ग्रामीण सहम गए। किसी कि इतनी हिम्मत नहीं हुई कि मोहित को रोक सके। वारदात को अंजाम देकर वह सभी को आतंकित करते हुए ईख के खेत में घुस गया। हिम्मत जुटाकर लोगों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन, उसका पता नहीं चल सका।
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