Hapur News: जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर युवक पर हमले के के तीन दोषियों को तीन-तीन साल की सजा
जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर युवक पर हमला करने के मामले में बुधवार को सुनवाई निर्णायक मोड में पहुंची। जिसके बाद न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने निर्णय सुनाया। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस घटना को लेकर 29 मार्च 2018 को गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अहाता बस्तीराम के नितिन भारती ने थाना गढ़मुक्तेश्वर में तहरीर दी थी।
जागरण संवाददाता, हापुड़। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर युवक पर हमला करने के मामले में तीन आरोपितों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने दोषियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। तीनों दोषियों पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
नितिन भारती ने थाना गढ़मुक्तेश्वर में दी थी तहरीर
विशेष लोक अभियोजक विनीता त्यागी ने बताया कि 29 मार्च 2018 को गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अहाता बस्तीराम के नितिन भारती ने थाना गढ़मुक्तेश्वर में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि 29 मार्च 2018 कस्बा गढ़मुक्तेश्वर स्थित पुराना अस्पताल के पास रहने वाले गोल्डी उर्फ गुरूशरण ने कॉल पर पीड़ित को बदरखा फ्लाईओवर के पास एस. एस. गार्डन के पास बुलाया था।
इस पर पीड़ित अपने भाई सोनू के साथ वहां पहुंच गया। इसपर वहां पहले से ही घात लगाए बैठे गोल्डी उर्फ गुरूशरण व उसके पक्ष के गढ़ चौपला के रहने वाले बंटी गुर्जर उर्फ चौधरी, आदर्श नगर के कपिल ठाकुर, सिकंदरपुर के वैभव यादव, देवेंद्र यादव, कस्बा गढ़मुक्तेश्वर के रहने वाले अंकुर शर्मा ने पीड़ित व उसके भाई के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली गलौज शुरू कर दी थी।
डंडें और हॉकी से किया हमला
विरोध पर आरोपितों ने डंडें, हॉकी और पंच से पीड़ित व उसके भाई पर हमला कर दिया था। हमले में पीड़ित व उसका भाई घायल हो गए थे। विवाद होता देखकर कुछ रहागीरों के मौके पर आने के बाद आरोपित हत्या की धमकी देकर फरार हो गए थे। मामले में पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर उपरोक्त नामजद आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जांच के बाद विवेचक ने गोल्डी उर्फ गुरूशरण, देवेंद्र यादव व वैभव यादव के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में पेश की थी।
साक्ष्य के आभाव में अन्य आरोपितों के नाम जांच के दौरान निकाल दिए गए थे। मुकदमे की सुनाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट न्यायालय में चल रही थी। बुधवार को सुनवाई निर्णायक मोड में पहुंची। जिसके बाद न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने निर्णय सुनाया। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।