Hapur: जेल में हुई दोस्त, फिर कई देशभर में फैलाया गांजा तस्करी का साम्राज्य; पुलिस ने गिरफ्तार किए दो तस्कर
अक्सर फिल्मों में जेल की दोस्ती के बाद अपराधियों के जरायम की दुनिया में चरम पर पहुंचने के किस्से आपने खूब देखे होंगे। मगर रविवार को ऐसा ही एक मामला हकीकत में सामने आया है। 65 लाख के गांजा के साथ गिरफ्तार तस्कर चेतराम ने तीन साल पहले लखनऊ जेल में एक अपराधी से दोस्ती की और तीन साल में गांजा तस्करी का साम्राज्य कई राज्यों में फैला दिया।
By Kesav TyagiEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 26 Nov 2023 07:52 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हापुड़। अक्सर फिल्मों में जेल की दोस्ती के बाद अपराधियों के जरायम की दुनिया में चरम पर पहुंचने के किस्से आपने खूब देखे होंगे। मगर, रविवार को ऐसा ही एक मामला हकीकत में सामने आया है। 65 लाख के गांजा के साथ गिरफ्तार तस्कर चेतराम ने तीन साल पहले लखनऊ जेल में एक अपराधी से दोस्ती की और तीन साल में गांजा तस्करी का साम्राज्य आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और उत्तराखंड तक फैला दिया।
सीओ (एएनटीएफ) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में लखनऊ के थाना गौमतीनगर पुलिस ने चेतराम को दो कुंतल गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे लखनऊ जेल भेजा गया था। गांजा तस्करी के मामले में जेल में राजबीर ठाकुर भी सजा काट रहा था।जेल में राजबीर ठाकुर से चेतराम की पहली मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे दोनों आपस में बात करने लगे और अच्छे दोस्त बन गए। जेल में बंद रहते हुए दोनों ने गांजा तस्करी के साम्राज्य को फैलाने का प्लान बनाया।
इसके बाद जेल में बैठकर वह अपने गुर्गों के जरिए धंधे को आगे बढ़ाने लगे। साढ़े तीन साल जेल में सजा काटने के बाद चेतराम बाहर निकला और धंधे की कमान अपने हाथ में ली। राजबीर ठाकुर की मदद से वह आंध्रप्रदेश व छत्तीसगढ़ से गांजा की तस्करी कर दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड तक भिजवाने लगा।गांजा तस्करी कर वह अच्छा मुनाफा कमाते और आपस में बांट लेते थे। गांजा खरीदने वाले अधिकांश लोग राजबीर के संपर्क में थे। जिसने वह डीलिंग कर गांजा बेचता था। गिरोह से जुड़े जिलने भी सदस्य हैं उन्हें गिरफ्तार कर जेल भिजवाया जाएगा।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश से आता है 80 प्रतिशत गांजा
ओडिशा के आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों तक ले जाया जाता है। तस्कर त्तीसगढ़, झारखंड व बिहार के रास्ते यमुना एक्सप्रेस-वे से होते हुए वह दिल्ली एनसीआर तक पहुंचते हैं।यहीं से देश के अलग-अलग राज्य में गांजे की सप्लाई की जाती है। आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में गांजे की कीमत काफी कम है। जबकि दूसरे राज्य में गांजे की कीमत कई गुना अधिक है। पांच सौ से एक हजार रुपये किलो के भाव से खरीदा गया गांजा 20 से 25 हजार रुपये तक बिकता है।
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