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हिस्ट्रीशीटर ने अपने गिरोह के साथ मिलकर किया था डबल मर्डल, हापुड़ पुलिस ने 5 दिन बाद किया वारदात का पर्दाफाश

हापुड़ पुलिस ने दोहरे हत्याकांड का पांच दिन बाद आखिर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने स्कूल संचालक सहित चार हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है। पुलिस के मुताबिक दोनों व्यक्ति की हत्या सिंभावली थाना क्षेत्र के गांव बिरसिंगपुर के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर ने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर की थी।

By Prince SharmaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 15 Oct 2023 01:19 PM (IST)
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हिस्ट्रीशीटर ने अपने गिरोह के साथ मिलकर किया था डबल मर्डल
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर। गंगा किनारे के स्थित गांव गुलालपुर में फार्म पर हुए दोहरे हत्याकांड का पांच दिन बाद आखिर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। दोनों व्यक्ति की हत्या सिंभावली थाना क्षेत्र के गांव बिरसिंगपुर के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर ने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर की थी।

उन्होंने मारने की योजना रतनपाल को बनाई थी लेकिन, अनिरुद्ध ने विरोध किया तो फिर उसे भी मार डाला था। गवाही से बचने से नौकर जीतपाल पर भी हमला किया था। उसे मरा समझाकर जिंदा छोड़ गए थे।

इस मामले में पुलिस ने इस हत्याकांड की पटकथा लिखने वाले स्कूल संचालक सहित चार हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है।।

नौ अक्टूबर की रात को फार्म हाउस पर सोते समय मेरठ के थाना मवाना क्षेत्र के गांव सीना के रहने वाले पूर्व विधायक भीम सिंह के भाई के प्रपौत्र अनिरुद्ध उर्फ गोलू व ग्रेटर नोएडा के थाना दादरी क्षेत्र के गांव बाड़ाकी निवासी रतनपाल भाटी की बलकटी से ताबड़तोड़ हमले करके निर्मम हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में अनिरुद्ध के बड़े भाई कविषेक ने अपने ही गांव सीना के रहने वाले अश्वनी, उसके पिता सलेक चंद, भाई सुमित ऊर्फ सोनू, नितिन, धनपाल सिंह, हर्ष भाटी, अशोक को नामजद करते हुए पांच-छह अज्ञात लोगों पर हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है।

प्राथमिकी में लिखा था कि अश्वनी उनकी बहन को बहला-फुसलाकर ले गया था। उसी सिलसिले में नवंबर 2020 से दुश्मनी रखता था। लेकिन, पुलिस ने शनिवार को जब इस हत्याकांड की कहानी से पर्दा उठाया तो अलग था।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस के मुताबिक गंगा किनारे पर गढमुक्तेश्वर क्षेत्र के गांव नयागांव निवासी चंद्रपाल सिंह अपनी पत्नी मायावती के साथ लगभग 60 बीघा जमीन की ठेके पर जुताई करते है। अब इस जमीन को रतनपाल भाटी उन्हीं के गांव के रहने वाले राजू सरदार को दिलवाना चाहते थे।

इस बात को लेकर चंद्रपाल व रतनपाल भाटी के बीच विवाद भी हुआ था। पूर्व में जमीन कब्जाने का प्रयास भी किया था तो महेंद्र की पत्नी मायावती ट्रैक्टर के सामने लेट गई थी।

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मामला नहीं निपटने पर चंद्रपाल व मायावती दोनों सिंभावली थाना के हिस्ट्रीशीटर अशोक की शरण में पहुंचे और वहां तय हुआ कि रतनपाल भाटी को समझा दीजिए कि वह जमीन राजू सरदार को दिलवाए।

इसके बदले जमीन की फसल से होनी वाली कमाई का हिस्सा दिया जाएगा। इसके बाद सात अक्टूबर को अशोक अपने साथियों के फार्म पर पहुंचा और रतनपाल भाटी से इस मामले में दखल नहीं देने की बात कही। उस समय भी दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी हुई थी।

स्कूल संचालक जितेंद्र ने लिखी थी पूरे हत्याकांड की पटकथा

आठ अक्टूबर को फिर अशोक रतनपाल भाटी के पास पहुंचा और समझाने का प्रयास किया। उस समय मामला बिगड़ा और तलवार आदि भी निकल आई थीं।

फिर नौ अक्टूबर की रात को अशोक ने अपने गिरोह के विनय, कपिल, दिनेश निवासी गांव बिरसिंगपुर, अंकुर निवासी गांव भड़ौली थाना किठौर मेरठ, महेंद्र व उसके भाई सुरजन निवासी गांव हैदरपुर थाना गढ़मुक्तेश्वर, अब्बास निवासी ग्राम सारंगपुर थाना किठौर जनपद मेरठ, चंद्रपाल निवासी गांव नया गांव थाना गढ़मुक्तेश्वर जिला हापुड़ व इंटर कॉलेज संचालक जितेंद्र भड़ाना निवासी ग्राम मुरादपुर थाना गजरौला के साथ मिलकर रतनपाल को बलकटी से हमला करके मौत के घाट उतार दिया।

विरोध करने पर पास में सो रहे अनिरुद्ध उर्फ गोलू का भी कत्ल कर दिया। इस पूरे हत्याकांड की पटकथा स्कूल संचालक जितेंद्र भड़ाना ने लिखी थी। क्योंकि वह भी खादर में जमीन पर कब्जा करना चाहते थे।

प्रभारी निरीक्षक हरीश वर्धन सिंह ने बताया कि इस मामले में अभी महेंद्र, अब्बास, चंद्रपाल व जितेंद्र को गिरफ्तार कर चालान किया गया है। बाकी हत्यारोपितों की तलाश चल रही है। घटना में प्रयुक्त बलकटी भी बरामद है।

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