UP News: भू-माफिया में क्यों मचा हड़कंप? जिले में हो रही ताबड़तोड़ कार्रवाई; पढ़ें पूरा मामला
Hapur News हापुड़ में धौलाना तहसील में भूमि घोटाले के तीन मामलों ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। बाहरी निवेशक अब धौलाना तहसील की जमीनों में निवेश करने से कतरा रहे हैं। प्रशासन की ढिलाई से भू-माफिया के हौसले बुलंद हैं। पुलिस की जांच क्षमता अपराधियों के लिए वरदान साबित हो रही है। पढ़िए आखिर पूरा अपडेट क्या है?
जितेंद्र शर्मा, पिलखुवा (हापुड़)। बीते चार दिनों में धौलाना तहसील में भूमि के फर्जीवाड़े से संबंधित तीन रिपोर्ट दर्ज होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पहले से ही बदनाम धौलाना तहसील की भूमि पर बाहरी निवेशक दांव लगाने से पीछे हट रहे हैं। जिसके चलते जमीनों के भाव में स्थिरता आ गई है।
वहीं, ऐसे में प्रशासन का भू माफिया के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करना उनके हौसलों को बढ़ा रहा है। भूमि से संबंधित फर्जीवाड़े को पकड़ने में पुलिस की क्षमता अपराधियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
22 सितंबर को नंदपुर की पटवारी रजनी ने गांव के ही एक व्यक्ति प्रेमपाल सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज सरकारी भूमि बिक्री करने का आरोप लगाया है। 23 सितंबर को गाजियाबाद के एक व्यापारी ने राजकुमार, देहरा के अनीश पुत्र वाहिद और राज दुलारी के खिलाफ किसी और के स्थान पर भूमि बिक्री करने का की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
24 सितंबर को ग्राम देहरा में ही भूमि बिक्री के लिए ली गई रकम वापस न करने के संबंध में भी एक मुकदमा विमलेश और उसके पति जीत सिंह के खिलाफ दर्ज करवाया गया है। इससे पूर्व में भी अनेकों बार धौलाना तहसील में फर्जीवाड़ा करते हुए ग्राम समाज की भूमि की भूमि बिक्री करने के मामले भी प्रकाश में आए हैं।
जानकारी के अनुसार, पुलिस भूमि से संबंधित मामलों की जांच करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है। जिसके चलते विवेचना के दौरान फर्जी आरोपित आसानी से बच निकलते हैं।
थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सभी प्रकरणों की निष्पक्षता से जांच की जाती है। मुकदमा दर्ज करने से पहले उच्च अधिकारी भी प्रकरण की जांच करते हैं। इसके बाद ही रिपोर्ट दर्ज करने की संस्तुति की जाती है। सभी प्रकरणों में जांच करते हुए उचित कार्रवाई की जा रही है।
बढ़ते फर्जीवाड़ो के चलते निवेशक हो रहे हैं दूर
कोविड के खत्म होते ही तहसील की जमीनों के दामों में एकदम से तेज वृद्धि दर्ज की गई। मुख्य मार्गों पर भूमि के दाम अचानक से कई गुना बढ़ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जैसे ही ग्रामीण क्षेत्र की फ्री होल्ड भूमि को उद्यमियों के लिए खोल दिया। तभी से बाहरी निवेशकों और उद्यमियों के लिए धौलाना तहसील पहली पसंद बन गई। इसी तेजी का लाभ उठाने के लिए क्षेत्र में भूमाफिया भी सक्रिय हो गए। फर्जी पट्टों की बिक्री से लेकर किसी अन्य व्यक्तियों को जमीन बेचने के प्रकरण धौलाना तहसील में आम हो चुके हैं।
धौलाना तहसील के भूमि प्रकरणों के संबंध में चार बार शासन स्तर से जांच की जा चुकी है। जिसमें से एक का भी नतीजा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। ऐसे में बढ़ते घोटाले और फर्जीवाड़े के कारण उद्यमी धौलाना आने से बच रहे हैं। वर्तमान में बाहरी निवेशक और उद्यमी धौलाना क्षेत्र की जमीनों को बेचकर निकालने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं।