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अब हापुड़ के सेहल गांव में दिखा तेंदुआ, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

हापुड़ के सेहल गांव में तेंदुआ दिखने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। एक महीने पहले भी नवादा खुर्द में तेंदुए ने एक गाय को मार डाला था। वन विभाग की कार्यशैली पर ग्रामीणों का गुस्सा है। रविंद्र ने बताया कि तेंदुए के साथ में दो शावक भी थे। जंगल में कुछ चिन्हों को ग्रामीणों द्वारा तेंदुए के पंजे का निशान बताया जा रहा है।

By Dharampal Arya Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 23 Sep 2024 08:24 AM (IST)
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सेहल में रविवार की रात ग्रामीणों ने तेंदुआ देखा।

संवाद सहयोगी, हापुड़। बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव सेहल में रविवार की रात ग्रामीणों ने तेंदुआ देखा। जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। वहीं एक माह बाद भी तेंदुआ न पकड़े जाने से ग्रामीणों में वन विभाग की कार्यशैली को लेकर रोष व्याप्त है।

सेहल गांव के रहने वाले रविंद्र ने बताया कि रविवार की रात को तेंदुआ उसके घर के पास घूम रहा था। जिसे देख रविंद्र ने शोर मचा दिया। रविंद्र ने बताया कि तेंदुए के साथ में दो शावक भी थे। जंगल में कुछ चिन्हों को ग्रामीणों द्वारा तेंदुए के पंजे का निशान बताया जा रहा है।

वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर रोष

वहीं तेंदुआ देखे जाने की सूचना से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। 22 अगस्त को नवादा खुर्द में तेंदुए द्वारा गौवंशी को शिकार बनाया गया था। एक माह बीत जाने के बाद भी वन विभाग के हाथ खाली है। जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर रोष व्याप्त है।

ज्ञात हो कि चार दिन पहले वन विभाग की खाली पिंजरा लगा कर तेंदुआ आने का इंतजार कर रही थी। जिसके संबंध में दैनिक जागरण ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से तेंदुआ तलाश अभियान में लापरवाही बरती जा रही है। वही क्षेत्र के ग्रामीणों को अकेले जंगल जाने में डर लग रहा है। ग्रामीण समूह में जंगल जा रहे है।

वन क्षेत्राधिकारी करन सिंह ने बताया कि सेहल गांव में तेंदूआ देखे जाने की सूचना मिली है। मौके पर टीम को भेज दिया गया है। टीम मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है।

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