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Hapur Crime: हेलो! SDM साहब... जमीन कब्जा करने वालों से मिल गई आपकी टीम, मैं... जहर खाकर दे रहा हूं जान

हापुड़ में एक किसान ने सरकारी तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने की लड़ाई लड़ते हुए जहर खा लिया। किसान का आरोप है कि एसडीएम की टीम कब्जाधारियों से मिल गई और कार्रवाई नहीं की। पीड़ित ने एसडीएम को फोन पर जहर खाने की बात कही और प्रशासन को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। किसान की हालत गंभीर है और वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।

By Kesav Tyagi Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 10 Sep 2024 12:55 AM (IST)
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युवक ने एडीएम को कॉल करने के बाद खाया जहर।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हेलो! एसडीएम साहब..कब्जा मुक्त कराने पहुंची आपकी टीम कब्जाधारियों से मिल गई है। मजबूरी में मैं जहर खाकर दे जान दे रहा रहा हूं। मैरी मौत का जिम्मेदार प्रशासन होगा। फोन कॉल पर एसडीएम सदर से इतना कहकर पिछले नौ माह से बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव छतनौरा में सरकारी तालाब की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे किसान ने जहर खा लिया।

मामले में पीड़ित ने सोमवार को ही एसडीएम को पत्र सौंपकर कार्रवाई न होने पर आत्महत्या की चेतावनी दे दी थी। इसके बाद तहसीलदार व नायब तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम को तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए भेजा गया था।

उधर, किसान मेरठ के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। उधर, किसान के जहर खाने के बाद नींद से जागे जिम्मेदार गांव में पहुंचे और सरकारी तलाब की भूमि को कब्जा मुक्त कराने में जुट गए। ताकि, उनका दामन दागदार न हो सके। उधर, किसान मेरठ के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

तालाब का पानी जमीन में पहुंच रहा

गांव छतनौरा के वीर सिंह ने बताया कि गांव की आबादी से सटी हुई उसकी पांच बीघा जमीन है। जमीन के बराबर में सरकारी तालाब की 380 वर्ग मीटर जमीन है। गांव के कुछ लोगों ने इस जमीन पर कब्जा किया हुआ है। जिसके कारण गांव का पानी तालाब में न जाकर उसकी जमीन में पहुंच रहा है।

जमीन मुक्त कराने की लड़ रहे लड़ाई

इस कारण वह जमीन पर फसल की बोआई नहीं कर पा रहा है। पिछले करीब नौ माह से उसका पुत्र किसान मोहित (27) सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहा है। एसडीएम से लेकर पुत्र ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग की थी, लेकिन आरोपी पक्ष के रसूख के आगे सरकारी मशीनरी ने कार्रवाई नहीं की।

जमीन मुक्त कराई पहुंची थी टीम

सोमवार को पुत्र ने एसडीएम सदर को शिकायती पत्र दिया था। कार्रवाई न होने पर पुत्र ने परिवार संग आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद तहसीलदार व नायब तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व की टीम को गांव में सरकारी तलाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए भेजा गया था। टीम ने पहले तो बुलडोजर बुलवा लिया और पीड़ित पक्ष को मिट्टी डालकर मेंढ बनवाने की बात कही। मगर, कुछ ही देर बाद आरोपी पक्ष से मिलीभगत होने पर मंगलवार को कार्रवाई किए जाने की बात की।

कॉल करने के बाद खाया जहर

इससे क्षुब्ध होकर पुत्र ने एसडीएम को कॉल किया। कॉल पर उसने टीम के वापस लौटने की बात कहकर कार्रवाई न होने से क्षुब्ध होकर जहर खाने की बात कही। इसके बाद पुत्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया। मामले की जानकारी पर स्वजन व ग्रामीणों ने पुत्र को सिखैड़ा सीएचसी में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत को गंभीर देखते हुए मेरठ के लिए रेफर कर दिया। जहां पुत्र जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

किसान के जहर खाने पर टूटी जिम्मेदारों की नींद

किसान के जहर खाने के बाद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की नींद टूट गई। किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप उनपर न लगे। इसके लिए अधिकारी कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुंच गए। टीम ने बुलडोजर मंगवाकर सरकारी तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के साथ पीड़ित पक्ष की जमीन की मेंढबंदी करानी शुरू कर दी।

कमिश्नर, जिलाधिकारी व एसडीएम तक जवाब देने से बचते रहे अधिकारी

घटना के बाद मेरठ कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी हापुड़ प्रेरणा शर्मा व एसडीएम सदर शुभम श्रीवास्तव से फोन कॉल पर बात करने का प्रयास किया गया। कमिश्नर के सीयूजी नंबर पर कॉल रिसीव की गई। मगर, कार रिसीव करने वाले व्यक्ति ने बात कराने से इंकार कर दिया। जिलाधिकारी ने कॉल रिसीव की और वर्जन जारी करने की बात कहकर कॉल दी। एसडीएम सदर शुभम श्रीवास्तव ने कॉल ही रिसीव नहीं की।

मामले में शिकायत मिलने के बाद राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया था। इसके बाद किसान ने जहर खा लिया है। मामले की जांच कराई जा रही है। जिस भी स्तर पर मामले में लापरवाही बरती गई है। उस विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय होगी। तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने में टीम लगी है। -संदीप सिंह, एडीएम