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सुनवाई होगी आसान, हापुड़ के लोगों को अब नहीं जाना होगा लखनऊ, जल्द मिलेगी चाइल्ड हेल्पलाइन डेस्क 1098 की कमान

हापुड़ जिले के लोगों को सरकार और प्रशासन बहुत जल्द एक लाभ देने जा रही है। जिससे तत्काल शिकायतकर्ता को मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे पहले हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतें लखनऊ जाती थीं। जो अब ऐसा नहीं होगा। जिलों को जल्दी ही चाइल्ड हेल्पलाइन डेस्क 1098 मिलने वाला है। इसके मिल जाने मात्र से स्थानीय लोगों को बहुत लाभ होगा।

By Kesav Tyagi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 23 Oct 2024 02:15 PM (IST)
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Hapur News: प्रदेश के सभी जिलों में नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। फाइल फोटो
केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ जिले को जल्द ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 (Child Helpline Desk 1098) की सौगात मिलने वाली है। जिसके बाद शिकायतें लखनऊ नहीं बल्कि, जिले में गढ़ रोड स्थिति सखी वन स्टाप सेंटर पर स्थापित होने वाली हेल्पलाइन डेस्क पर सीधे पहुंचेंगी।

जिससे तत्काल शिकायतकर्ता को मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी। बता दें कि अभी तक प्रदेशभर में जिला स्तर पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के लिए कोई अलग से हेल्प डेस्क नहीं है। शासन की मंशा के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में नई व्यवस्था शुरू की जा रही है।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि प्रदेशभर में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के लिए कोई अलग से जिला स्तर पर हेल्प डेस्क नहीं है। हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतें पहले लखनऊ जाती थीं। जहां से उनके संबंध में जिला स्तर पर जानकारी दी जाती थी।

इस प्रक्रिया में न केवल कई बार देरी हो जाती है, बल्कि बाल संरक्षण अधिकारी के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं होने की वजह से ज्यादातर शिकायतों पर समय रहते कदम उठाना भी संभव नहीं हो पाता था। शासन की मंशा के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में महिला एवं बाल विकास विभाग ने अलग से चाइल्ड लाइन हेल्प डेस्क बनाने का निर्णय लिया है।

जिले में गढ़ रोड स्थित सखी वन स्टाप सेंटर पर हेल्पलाइन डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी के निर्देश में हेल्पलाइन डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। तीन शिफ्टों में दो-दो कर्मचारी 24 घंटे हेल्पलाइन डेस्क पर तैनात किए जाएंगे।

अभिषेक त्यागी, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति। जागरण

महिला एवं बाल विकास विभाग खुद ही जिला मुख्यालयों पर चाइल्ड हेल्पलाइन डेस्क का संचालन भी करेगा। अब शिकायतकर्ता की काल लखनऊ न जाकर सीधा जिला स्तर पर स्थापित कर्मचारियों के पास पहुंचेगी।

जिनपर तत्परता से अधिकारी संज्ञान ले सकेंगे और बच्चों के राहत एवं बचाव के साथ उन्हें उस मुसीबत से निकालने के लिए तत्परता से प्रभावी कदम उठा सकेंगे।

हेल्पलाइन डेस्क के लिए दस पदों पर नियुक्त होंगे कर्मचारी

जिलास्तर पर चाइल्ड हेल्पलाइन में कर्मचारियों की अलग से नियुक्ति होगी। हेल्पलाइन की पूरी जिम्मेदारी जिला कोआर्डिनेटर की होगी। काउंसलर सहित दस पदों पर कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। सभी कर्मचारी अलग-अलग मामलों पर काम करेंगे। स्टाफ की नियुक्ति के बाद बच्चों की काउंसिलिंग कराने में भी सहूलियत होगी।

थाना में हैं बाल कल्याण अधिकारी किए गए हैं नियुक्त

 बाल अपराध से जुड़े मामलों की जांच और बाल यौन शोषण के मामलों के लिए जिले के सभी थानों में बाल कल्याण अधिकारी नियुक्ति हैं। यह सभी बाल संरक्षण अधिकारी के साथ मिलकर काम करते हैं। ताकि अपराध का शिकार हुए बच्चे को न्याय दिलाने के साथ-साथ उसके पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति तालमेल बैठाकर काम कर सके।

चारदीवारी के अंदर से अधिकांश बच्चे करते हैं शिकायत

चाइल्ड हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों में ज्यादातर घरेलू विवाद या स्कूल में हिंसा के मामलों की होती हैं। अधिकांश शिकायतों में चारदीवारी के अंदर पीड़ित बच्चे अपने माता-पिता, शिक्षक और उनके साथ मनचलों द्वारा छेड़खानी की शिकायतें हेल्पलाइन पर करते हैं।

प्रत्येक माह करीब 15 से 20 औसतन शिकायतें आती हैं। पॉस्को एक्ट से जुड़ीं शिकायतें भी चाइल्ड हेल्पलाइन पर मिलती हैं। इसके अलावा बाल विवाह की शिकायतें भी हेल्पलाइन पर मिली रही हैं।

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