अब दस मिनट में जुड़ जाएगी टूटी हुई रेल की पटरी
गौरव शर्मा, हापुड़ : रेलमार्ग पर पटरी टूटने के बाद अब रेलगाड़ियों का संचालन रोकने अथव
गौरव शर्मा, हापुड़ : रेलमार्ग पर पटरी टूटने के बाद अब रेलगाड़ियों का संचालन रोकने अथवा धीमी गति से निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब महज दस मिनट में टूटी हुई रेल की पटरी को जोड़कर रेल यातायात को सुचारू कर दिया जाएगा। रेलवे ने मुरादाबाद मंडल को दो आधुनिक वे¨ल्डग मशीनें उपलब्ध कराई हैं। अब किसी भी स्थान पर टूटी हुई रेल की पटरी सूचना मिलते ही, तत्काल वहां इन वे¨ल्डग मशीनों को ले जाकर टूटी हुई पटरी को जोड़ दिया जाएगा। यह मशीन केवल दस मिनट में पटरियों को जोड़ देंगी। इसके बाद रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों का संचालन सुचारू हो जाएगा।
रेलवे प्रशासन को एक टूटी हुई रेललाइन को ठीक करने में कम से कम डेढ़ घंटे का समय लगता है। जिससे ट्रेनों के संचालन का समय बिगड़ जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड ने आधुनिक वे¨ल्डग मशीन उपलब्ध कराई हैं। इन मशीनों की खास बात यह है कि वह मात्र दस मिनट में लोहे का पिघलाकर दोनों रेल लाइन को जोड़ देगी। इसके लिए अलग से कोई पदार्थ लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एक बार वे¨ल्डग हो जाने के बाद जोड़ को खोल पाना भी असंभव होगा।
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- कैसे काम करेगी मशीनें-
रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेलवे की आधुनिक वे¨ल्डग मशीन रेलवे फैक्ट्री में लोहा पिघलाने की प्रक्रिया की तर्ज पर बनाई गई है। यह मशीन रेल इंजन की तरह है और रेल लाइन पर चलती है। इसमें उच्च क्षमता वाला विद्युत प्रवाह करने की शक्ति है। इससे रेल की पटरी कुछ ही मिनट में पिघलकर जुड़ जाती है। पिघली हुई पटरी को सामान्य स्थिति में लाने के लिए भी इस मशीन में उपकरण लगे हुए हैं।
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- हो चुका है सफल प्रयोग-
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड द्वारा मंडल को उपलब्ध कराई गई मशीनों का सफल प्रयोग किया जा चुका है। वर्तमान में मंडल के विभिन्न स्थानों पर इस मशीनों से ही काम कराया जा रहा है।
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- क्या कहते हैं मंडल रेल प्रबंधक
दोनों आधुनिक मशीनों से विभिन्न क्षेत्रों में टूटी पटरियों को दस मिनट में जोड़ दिया जाएगा, जिससे सुविधा होगी। टूटी लाइन को जोड़ने के लिए रेलगाड़ियों का संचालन अधिक देर तक नहीं रोकना पड़ेगा।
--ए.के. ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक।