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Hapur: अस्पताल में रिटायर्ड फौजी की मौत, डॉक्टरों पर उपचार में लापरवाही का आरोप

अस्पताल में रिटायर्ड फौजी की मौत के बाद पीड़ित पक्ष ने कोतवाली में तहरीर दी है. सीएमओ को भी शिकायती पत्र सौंपा है। मृतक सुरेंद्र पाल वर्ष 1984 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। करीब 16 वर्ष देश सेवा के बाद वर्ष 2002 में पिता भारतीय सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी।

By Kesav Tyagi Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 27 Jul 2024 03:55 PM (IST)
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हापुड़ के अस्पताल में रिटायर्ड फौजी की मौत।
केशव त्यागी, हापुड़। सांस लेने में दिक्कत के चलते गढ़ रोड पर कृष्णगंज स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हुए थाना देहात क्षेत्र के मोहल्ला जगन्नाथपुरी के भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हवलदार की उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वजन ने चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही कर मृतक को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, स्वजन ने कोतवाली व सीएमओ से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

मोहल्ला जगन्नाथपुरी के रिंकू भाटी ने बताया कि वह पिता सुरेंद्र पाल, माता कमलेश, भाई कोमल, बहन गीता व पूजा के साथ रहता था। पीड़ित के पिता सुरेंद्र पाल वर्ष 1984 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।

करीब 16 वर्ष देश सेवा के बाद वर्ष 2002 में पिता भारतीय सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वर्तमान में पिता बुलंदशहर रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मेन ब्रांच में बतौर सुरक्षाकर्मी नौकरी कर रहे थे।

शुक्रवार देर शाम ड्यूटी पूरी कर पिता बैंक से घर लौटे थे। अचानक पिता को सांस लेने में दिक्कत शुरू होने लगी। इसी बीच पिता का दम भी घुटने लगा। इसपर स्वजन ने गढ़ रोड स्थित कृष्णगंज स्थित एक अस्पताल से एंबुलेंस को बुलाया।

इसमें पिता को लेकर स्वजन अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में जाने पर चिकित्सकों ने पिता को गलत इंजेक्शन लगा दिया। जिस कारण पिता की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।

इंजेक्शन लगाने से किया था इनकार

रिंकू भाटी ने बताया कि पूर्व में पिता को इसी तरह की दिक्कत हुई थी। उस वक्त वह उक्त अस्पताल में उपचार कराने गए थे। जहां चिकित्सकों ने पिता को वहीं इंजेक्शन लगाया था जो शुक्रवार को लगाया गया था। इंजेक्शन लगते ही पिता की तबीयत बिगड़ गई थी।

शुक्रवार रात जब पिता अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने दोबारा उन्हें वहीं इंजेक्शन लगाने लगे। इस पर पिता ने तबीयत बिगड़ने की जानकारी देते हुए इंजेक्शन लगवाने से मना किया था। मगर, चिकित्सकों ने पिता की एक न सुनी और उन्हें इंजेक्शन लगा दिया। जिसके लगने के बाद पिता हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गए हैं।

बीमारी के नहीं दिए कागजात

पिता की मौत के बाद स्वजन अस्पताल पहुंच गए। इसकी जानकारी पर चिकित्सक अस्पताल से फरार हो गए। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पिता के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया। इसी बीच पीड़ित के स्वजन ने अस्पताल के कर्मचारियों से पिता के सेना के दस्तावेज व बीमारी के कागजात मांगे। लेकिन, वह उन्हें नहीं दिए गए। पुलिस से शिकायत के बाद भी अभी तक अस्पताल के कर्मचारी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है।

कोतवाली व सीएमओ कार्यालय में की शिकायत

पीड़ित पक्ष ने कोतवाली में तहरीर दी है। वहीं, अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीएमओ कार्यालय में भी शिकायत की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रघुराज सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर मौत का कारण स्पष्ट किया जाएगा।

वहीं, सीएमओ सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया जा रहा है। लापरवाही पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई तय होगी।

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