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सावधान: बारिश के बीच बढ़ा जान का खतरा, करंट लगने से जा चुकी कई लोगों की जान; नींद से जागे अधिकारी

Rain Updates सावन शुरू होने के बाद से लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। कई इलाकों में लगातार बारिश होने से खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में हाईटेंशन लाइन के पास खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। कई बार घरों के अंदर विद्युत उपकरणों में भी करंट उतर आता है जिससे जान का खतरा बन जाता है। इसलिए वर्षा के समय में सावधान रहने की जरूर है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 10:50 AM (IST)
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हापुड़ में वर्षा होने से करंट लगने का खतरा बढ़ गया। जागरण फोटो

केशव त्यागी, हापुड़। वर्षा के कारण करंट उतरने की घटाएं लगातार बढ़ रही हैं। वर्षा के दौरान दीवारों पर सीलन, नमी व जल-जमाव से करंट लगने का खतरा बढ़ता है। विद्युत पोल के पास या हाईटेंशन लाइन के आसपास यह खतरा कहीं ज्यादा बढ़ता है।

उधर, घरों में भी नमी के कारण विद्युत उपकरणों से आपको करंट का झटका लग सकता है। इससे कुछ ही समय में इंसान की मौत तक हो जाती है। मंगलवार को दिल्ली के पटेल नगर में लोहे के गेट में उतरे करंट की चपेट में आकर यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा की मौत हो गई। पिछले वर्ष जिले में भी ऐसी घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद सरकारी मशीनरी ने लोगों को बरसात के मौसम में सावधानी बरतनें की सलाह दी है।

जिले में कई लोगों की हो चुकी है मौत

दो फरवरी 2023 को गढ़ के गांव झड़ीना में करंट की चपेट में 55 वर्षीय नरपत सिंह की मौत हो गई थी। मशीन से पशुओं के लिए चारा काटते वक्त मोटर में आए विद्युत करंट ने उसको झटका लगा था। 12 जुलाई 2023 नगर कोतवाली क्षेत्र में मस्जिद में नमाज पढ़ने गए पुराना बाजार के अरशद ने के आठ वर्षीय अबू हुरैरा की मौत हो गई थी।

वहीं, 10 जुलाई 2023 को थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के मोहल्ला कोटला सादात में छत पर खेल रहा तीन वर्षीय बच्चा आहाद करंट की चपेट में आकर काल का ग्रास बन गया था। 28 जून 2023 को गढ़मुक्तेश्वर पुराना बाजार में टेबिल फैन में उतरे करंट की चपेट में आकर पांच वर्षीय गोविंद की मौत हो गई थी।

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इसके अलावा जिले में कई मामले इसी प्रकार के हो चुके हैं। हादसों को रोकने के लिए सतर्कता बरतनी जरूरी है। बच्चों से लेकर लोग स्वयं भी विद्युत उपकरणों से दूरी बनाएं।

नींद से नहीं जाग रहे जिम्मेदार

बढ़ते हादसों को रोकने के लिए ऊर्जा निगम के अधिकारी नींद से नहीं जाग रहे हैं। जर्जर लाइनों की मरम्मत, पेट्रोलिंग के द्वारा खंभों व खतरे वाले बिजली यंत्रों का चिन्हांकन कर उन्हें दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। खुले पैनल व ट्रांसफार्मर की घेराबंदी भी नहीं की जा रही है। वर्षा व तेज हवा में तारों पर पेड़ गिरने से हादसा ना हो, इसके लिए तारों के आसपास पेड़ों की छंटाई भी नहीं की जा रही है।

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यह बरतें सावधानी-

- नमी और पानी वाले स्थान पर नंगे पैर न जाएं।

- बिजली का इस्तेमाल करते समय रबर या प्लास्टिक की चप्पल पहनें।

- पानी में भीगे तारों को ना छूएं।

- सड़क पर विद्युत खंभे व तारों को न छूएं।

- बिजली के उपकरण या तार को खुद को ठीक कर मैकेनिक से कराएं।

- विद्युत मीटर से घर तक आने वाली केबिल को जांचते रहें।

- पोल या स्टे वायर से पशु को न बांधे, न उसे छुएं।

- तार के नीचे मकान न बनवाएं और न ही पेड़ लगवाएं।

- करंट से लगी आग में पानी बिल्कुल न डालें।

करंट की चपेट में आने पर यह करें-

- करंट लगने पर अतिशीघ्र चिकित्सक के यहां ले जाकर उपचार कराएं।

- करंट से पीड़ित व्यक्ति से अस्पताल तक जाते समय बात करते रहेें।

- करंट लगने के बाद पीड़ित को खाने-पीने को न दें।

- चिकित्सक के यहां ले जाने तक हाथ पैर की मालिश और शरीर थपथपाते रहे।

कहते हैं चिकित्सक-

- विद्युत करंट लगने से व्यक्ति के शरीर पर कई तरह से असर होता है। करंट दिल पर गहरा असर डालता है। सांस रुकने की आशंका व दिमाग पर सूजन आने का ज्यादा खतरा रहता है। करंट लगने पर पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं। ताकि, उचित उपचार मिलने से उसकी जान बचाई जा सके। - डॉक्टर सुनील त्यागी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

बोले अधीक्षण अभियंता-

- हाइटेंशन लाइन व विद्युत पोल से करंट न उतरें इसके लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। विद्युत लाइन के नीचे आने वाले वृक्षों की छंटाई कराई जा रही है। पालिथिन से विद्युत पोल को ढका जा रहा है। लोगों को सावधानी भी बरतनी आवश्यक है। - अवनीश कुमार जैन, अधीक्षण अभियंता

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