गजब: यूपी सरकार ने पशुपालकों के लिए जारी की स्कीम, अब भैंस का मात्र 187 रुपये में होगा बीमा
उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पशुपालक अपनी गाय और भैंस का बीमा करा सकते हैं। अनुसूचित जाति और बीपीएल वर्ग के पशुपालक प्रीमियम का केवल 10 प्रतिशत भुगतान करके अपने पशुओं का बीमा करा सकते हैं। वहीं सामान्य वर्ग के पशुपालकों को प्रीमियम का 25 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। शासन ने प्रदेशभर में पशुधन बीमा योजना शुरू की है। यह योजना कई साल के इंतजार के बाद क्रियान्वित की गई है। इससे पशुपालक जोखिम से बच सकेंगे। शासन ने गाय का अधिकतम बीमा मूल्य 50 हजार और भैंस का अधिकतम बीमा मूल्य 60 हजार रुपया माना है।
ऐसे में अनुसूचित जाति और बीपीएल वर्ग के पशुपालक प्रीमियम का दस प्रतिशत यानी 156 रुपया देकर गाय का और 187 रुपया देकर भैंस का बीमा करा सकेंंगे। वहीं सामान्य वर्ग के पशुपालक प्रीमियम का 25 प्रतिशत यानी गाय के लिए चार सौ और भैंस के लिए 465 रुपया देकर एक साल के लिए बीमा करा सकेंगे।
इसमें पशु की मौत और स्थाई रूप से दिव्यांग होने की स्थिति में बीमा धनराशि प्राप्त कर सकेंगे। बीमा का यह प्रीमियम अनुसूचित वर्ग के व्यक्तियों को 90 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के पशुपालकों को 75 प्रतिशत के सरकार के अनुदान पर है। प्रीमियम का शेष रुपया केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
यह है स्थिति
आजकल खेती घाटे का कारोबार साबित हो रहा है। खेतों में लागत बढ़ती जा रही है, जबकि पैदावार स्थिर सी हो गई है। वहीं पैदावार के अपेक्षित दाम भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों का पूरा ध्यान पशुपालन है।
पशुपालन को किसानों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई किसान पशुपालन से ही करते हैं। एक ओर जहां पशुपालन से खेतों को प्राकृतिक उर्वरक मिलता है।
वहीं दूध और पशुओं के बच्चों की बिक्री से किसानों को अच्छी आय हाे जाती है। ऐसे में खेती और पशुपालन सह-कारोबार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। किसानों का पूरा जोर पशुपालन पर है।
घाटे में जा रहा पशुपालन
एक समय था, जब पशुपालन लाभ का कारोबार माना जाता था। अब पशुपालन में भी किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है। पोषाहार की कमी से एक ओर 15 प्रतिशत जहां मादा पशु बांझ निकल जाते हैं, वहीं 25 प्रतिशत अपनी क्षमता के अनुसार दूध नहीं दे पाते। वहीं बीमारी के चलते कई पशुओं की मौत हो जाती है।
गाय-भैंस में एकाएक फैलने वाली बीमारी से हर साल सैकड़ों पशुओं की मौत हो जाती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती है। अब सरकार ने पशुओं के लिए बीमा योजना आरंभ की है। पशुपालक एक, दो व तीन साल के लिए पशुओं का बीमा करा सकते हैं। एक दंपत्ति अधिकतम पांच पशुओं का ही बीमा करा सकता है।
- वर्ष
-- -- प्रीमियम गाय/भैंस-- देय सामान्य वर्ग गाय/भैंस-- - देय आरक्षित वर्ग गाय/भैंस - एक
-- -- 1555/1866 389 /467 156 /187 - दो
-- -- -- 2310 /2772 578 /693 - तीन
-- -- 3700 /4440 925 /1110 370 /444
प्रत्येक जिले का मिला है लक्ष्य
पशुओं का बीमा कराने के लिए शासन से प्रत्येक जिले को लक्ष्य मिला है। उससे ज्यादा पशुओं का बीमा नहीं कराया जा सकता। ऐसे में पहले आवेदन करने वालों के पशुओं का बीमा पहले किया जाएगा।
सरकार का दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ बीमा का अनुबंध हुआ है। लक्ष्य के सापेक्ष ही पशुओं का बीमा किया जा सकेगा। पशुपालकों को बीमा की पालिसी रसीद दी जाएगी। उस पर बीमा कंपनी के नोडल अफसर का नंबर लिखा होगा। पशुओं के साथ हादसा होने पर पहले उसको सूचना देनी होगी।
पशुपालकों के कल्याण के लिए यह बीमा योजना मील का पत्थर साबित होगी। इससे पशुपालकों को आर्थिक मदद मिल सकेगी। यह योजना कई साल बाद आरंभ हुई है। इसका लाभ उठाने की जरूरत है। लक्ष्य कम है, ऐसे में पहले अपने पशुओं का बीमा कराने का प्रयास करें।
- डॉ. ओपी मिश्रा, मुख्य पशुधन अधिकारी।
- गाय की अधिकतम कीमत ------------------- 50 हजार रुपया
- भैंस की अधिकतम कीमत -------------------- 60 हजार रुपया
प्रीमियम का प्रतिशत
एक साल के लिए -3.11 प्रतिशत
दो साल के लिए - 4.62 प्रतिशत
तीन साल के लिए -7.50 प्रतिशत
देय प्रीमियम -
- सामान्य वर्ग के लिए धनराशि का 25 प्रतिशत
- बीपीएल व अनुसूचित वर्ग के लिए धनराशि का 10 प्रतिशत