यूपी पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। पहले तो एफआइआर दर्ज नहीं की। जब पीड़ित ने आइजीएसएस पर शिकायत की तो दारोगा ने मुर्दे को गवाह बनाकर शिकायत का फर्जी निस्तारण कर दिया। पीड़ित ने बताया कि सुरेंद्र की मौत हो चुकी है लेकिन दारोगा ने उन्हें ही गवाह बना दिया जिसकी उसने अधिकारियों से शिकायत की।
जागरण संवाददाता, हरदोई। वाह रे पुलिस! खुद तो एफआइआर दर्ज नहीं की। पीड़ित ने आइजीएसएस पर शिकायत की तो दारोगा ने मुर्दे को
गवाह बनाकर शिकायत का फर्जी निस्तारण कर दिया। उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची। जब जांच हुई तो बेनीगंज कोतवाली के दारोगा का खेल पकड़ में आया। तब एसपी ने दारोगा को निलंबित कर मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
बेनीगंज कस्बे के सिकिलन टोला के रंजीत कुमार उर्फ बंटी सोनी का आरोप है कि 21 जून को कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी। वह थाने पर शिकायत लेकर गया तो पुलिस ने उसे ही बैठा लिया, जिसके बाद आरोपितों ने 22 जून की सुबह भी उसके घर पर हमला कर दिया। बंटी सोनी के अनुसार उसकी पत्नी थाने पर शिकायत लेकर गई तो 20 हजार रुपये मांगे गए। रुपये देने के बाद ही पीड़ित को थाने से छोड़ा।
पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो उसने आइजीआरएस पर शिकायत की, जिसकी जांच कोतवाली के दारोगा रामशंकर पांडेय ने की। उन्होंने बिना कुछ देखे और सुने फर्जी आख्या लगाकर उसे ही दोषी बना दिया और सुरेंद्र नामक व्यक्ति को गवाह बनाकर रिपोर्ट दे दी कि गवाह का कहना है कि बंटी सोनी पेशबंदी में शिकायत कर रहे हैं जो फर्जी है।
दारोगा ने मुर्दे को बना दिया गवाह
बंटी के अनुसार सुरेंद्र की मौत हो चुकी है, लेकिन दारोगा ने उन्हें ही गवाह बना दिया, जिसकी उसने अधिकारियों से शिकायत की। एसपी केसी गोस्वामी ने सीओ संडीला शिल्पा कुमारी को जांच के लिए भेजा। एएसपी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि सीओ की जांच में भी मृतक को गवाह बनाने की पुष्टि हुई है, जिस पर दारोगा रामशंकर पांडेय को निलंबित कर दिया गया है।
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