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मानकों के फेर में फंसे किसान

- जिले में धान खरीद का हाल मजबूर किसान कम कीमत पर बेच रहे धान - केंद्र पर नहीं आढ़त पर धान बेच रहे किसान

By JagranEdited By: Updated: Thu, 08 Oct 2020 10:15 PM (IST)
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मानकों के फेर में फंसे किसान

हरदोई : किसानों को धान का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकारी धान खरीद केंद्रों पर मानकों के फेर में फंसे किसान मजबूर होकर मंडी में धान बेच रहे हैं। सरकारी धान मूल्य 1888 के स्थान पर किसान व्यापारियों को 1200 रुपये में धान बेच रहे हैं। खरीद केंद्रों पर सन्नाटा है, तो मंडी में आढ़तियों के यहां धान के ढेर लगे हुए हैं। अधिकारी भले ही दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत इसकी पोल खोल रही है। मंडी समिति में संचालित क्रय केंद्र पर गुरुवार को कुछ इस प्रकार नजारा दिखाई दिया -

समय - 11.45 बजे

स्थान - विपणन शाखा का क्रय केंद्र संख्या प्रथम

मंडी समिति में संचालित विपणन शाखा के केंद्र संख्या एक पर कर्मचारी मौजूद था। वहां पर कोई तौल नहीं हो रही थी। वहां पर कोई किसान नजर नहीं आया। केंद्र प्रभारी विद्यांचल ने बताया कि अब तक 40 कुंतल धान खरीदा जा चुका है।

समय -11.55 बजे

स्थान - पीसीएफ केंद्र प्रथम

पीसीएफ प्रथम क्रय केंद्र प्रभारी नूर मोहम्मद केंद्र पर मौजूद थे। अन्य कोई कर्मचारी वहां पर दिखाई नहीं दिया। वहां पर कांटा बांट एक साइड में रखे हुए थे। प्रभारी ने बताया कि अभी धान में नमी है। जिस कारण अभी तक केंद्र पर धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है।

समय -12.15

स्थान -यूपी कोआपरेटिव क्रय केंद्र

यूपी कोआपरेटिव क्रय केंद्र पर कोई भी किसान मौजूद नहीं था। वहां पर मौजूद केंद्र प्रभारी मनीष ने बताया कि अभी तक क्रय केंद्र पर एक भी किसान नहीं आया है। जिस कारण खरीद नहीं हो सकी। ये है समस्या : सरकारी धान क्रय केंद्र पर नमी के मानक निर्धारित हैं। क्रय केंद्र पर 17 फीसद नमी तक ही धान खरीदा जा सकता है। वर्तमान में धान में 25 से 30 फीसद नमी आ रही है। जिस कारण क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं हो रही है।

सस्ती दर पर फसल बेच रहे किसान : क्रय केंद्रों पर भले ही सन्नाटा हो मगर व्यापारियों की आढ़त पर धान की आवक बढ़ गई है। किसान व्यापारियों को सरकारी खरीद के रेट 1888 रुपये के सापेक्ष 12 से साढ़े 12 सौ रुपये प्रति कुंतल की दर से धान बेच रहा है। इसमें कुछ किसान ऐसे है जो व्यापारियों के साथ साल भर जुड़े रहते हैं और फसल के लिए धनराशि आदि लेते रहते हैं और कुछ ऐसे हैं जिनको पैसे की आवश्यकता है। इसलिए सस्ती दर पर उपज बेच रहे हैं।

गैर प्रांत न जाता धान तो और गिर जाते रेट : मंडी में गैर प्रांत के व्यापारी धान की खरीद कर रहे है और पंजाब व उत्तराखंड धान जा रहा है। इसलिए धान की उपज का रेट 12 सौ के करीब है। अगर गैर प्रांत के व्यापारी मंडी न पहुंचते तो किसानों का एक हजार रुपये प्रति कुंतल धान बेचने को मजबूर होना पड़ता। मानकों का पालन जरूरी

--डिप्टी आरएमओ अनुराग पांडेय ने बताया कि मंडी में व्यापारी हर तरह का धान खरीद रहा है। सरकारी खरीद में मानक हैं, उसका पालन कराया जा रहा है, हालांकि किसी भी किसान को मानकों के चक्कर में परेशान नहीं किया जाएगा। जो ऐसा करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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