बेटियों ने संभाली कमान, दिए व्यवस्था सुधार के फरमान
एएसपी से लेकर थाना प्रभारी बनी छात्राओं ने नजदीक से पुलिस की व्यवस्थाएं देखी और उन्हें समझकर दिशा निर्देश भी दिए
By JagranEdited By: Updated: Fri, 22 Oct 2021 10:35 PM (IST)
हरदोई: बेटियां किसी से कम नहीं हैं। न हौंसले की कमी है और न ही जज्बे की। जब भी उन्हें मौका मिलता है वह यह दिखा भी देती हैं। शुक्रवार को भले ही उन्हें सांकेतिक अधिकारी बनाया गया, लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि काम कैसे होता है। एएसपी से लेकर थाना प्रभारी बनी छात्राओं ने नजदीक से पुलिस की व्यवस्थाएं देखी और उन्हें समझकर दिशा निर्देश भी दिए।
पिहानी कोतवाली छात्रा प्रियंका मिश्रा ने शिकायतों को सुनकर न केवल उनका निस्तारण किया बल्कि कहा कि अगर परेशानी हो तो थाने को सूचना दें। संडीला में छात्रा माही पांडेय और अक्षरा सिंह ने शिकायतों को सुना। बेनीगंज में राजमिस्त्री की पुत्री किरन ने व्यापारियों से वार्ता कर नगर को जाम मुक्त कराने पर चर्चा की। अतरौली क्षेत्र में छात्रा मुस्कान त्रिपाठी ने वाहन चेकिग अभियान चलाया। पचदेवरा में छात्रा सेजल दीक्षित ने कहा कि पुलिस कर्मी पब्लिक के साथ अच्छे रिश्ते बनाएं। सुरसा में रिया मिश्रा, शाहाबाद में नेहा मिश्रा ने शिकायतों को सुना। 22 एचआरडी 10 चालक की बेटी बनी सीओ सिटी
सीओ सिटी विकास जायसवाल के चालक योगेंद्र सिंह की बेटी सेंट जेवियर्स स्कूल में कक्षा 12 की छात्रा शालिनी यादव शिकायतों को सुन रही थी, उसी बीच दो छात्राएं अपनी परेशानी लेकर पहुंची। उन्होंने बताया कि उनके साथ जालसाजी की गई। बिना देरी किए शालिनी बोली, पढ़ लिखकर जागरूक हो, फिर देंखे कौन जालसाजी कर सकता। 22 एचआरडी 11 एएसपी बनी छात्रा प्रधानाचार्य की सुनी शिकायत
वेणीमाधव बालिका इंटर कालेज की छात्रा साफिया खान ने एएसपी पूर्वी अनिल कुमार की कुर्सी संभाली। शिकायतों को सुनकर दिशा निर्देश दिया। एएसपी बनी छात्रा से प्रधानाचार्य राजेश तिवारी विद्यालय संबंधी समस्या लेकर पहुंचे तो उसने बिना किसी देरी के पास ही बैठे एएसपी से कहा कि गुरु जी की समस्या का निराकरण कराएं। 22 एचआरडी 12 कछौना थाना क्षेत्र में कच्ची शराब तो खूब बनती है, एक दिन के लिए ही कोतवाली प्रभारी बनी छात्रा शैव्या सिंह ने सबसे पहले कच्ची शराब के बारे में जानकारी लेकर प्रभावी कार्रवाई की बात कही। 22 एचआरडी 14 कक्षा आठ की छात्रा स्नेहा शर्मा जब बीएसए की कुर्सी पर बैठी तो पहले वह कुछ समझ नहीं पाईं, लेकिन फिर उसे पता चला गया कि साहब क्या होते तो उसने सबसे पहले उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया, जिसमें कुछ कर्मचारियों के हस्ताक्षर न होने पर उन्हें चेतावनी दी। बीएसए बीपी सिंह समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को शिक्षा के बारे में बताया भी।
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