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Jagran Impact: मुर्दों को नकली जेवर पहनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई, तीन कर्मचारी बर्खास्त; दो के खिलाफ FIR दर्ज

हरदोई के पोस्टमार्टम हाउस में मुर्दों के जेवर उताकर उन्हें नकली गहने पहनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया था। मामले में सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए जेवर चोरी करके बेचने वालों में शामिल कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस की गतिविधियों पर नजर रखने वाले कर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Thu, 27 Jun 2024 09:23 PM (IST)
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पोस्टमार्टम हाउस के अंदर चीर फाड़ वाले पत्थर पर रखे नकली जेवर। फोटो कर्मचारी द्वारा जारी वीडियो का स्क्रीन शाट।

जागरण संवाददाता, हरदोई। मुर्दों के जेवर उतार कर उन्हें नकली पहनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दो के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई है। वहीं दोनों फार्मासिस्टों को पोस्टमार्टम हाउस से हटाते हुए उनके खिलाफ शासन को लिखा गया है और नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद हुई कार्रवाई से सनसनी फैल गई है।

पोस्टमार्टम हाउस पर मुर्दों के जेवर चोरी करने और असली जेवर उतार कर नकली पहनाने का खेल चल रहा था। महिला सिपाही निक्की की शिकायत पर सीएमओ ने जांच कराई तो इसकी पुष्टि हुई, जिस पर सीएमओ ने कार्रवाई की, लेकिन मुर्दों का जेवर चोरी कर उसे बेचने वालों में शामिल वार्ड ब्वाय रुपेश पटेल ने वीडियो प्रसारित कर सनसनी मचा दी।

दैनिक जागरण ने इसे बुधवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। सीएमओ डा. रोहिताश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज सिंह, डॉ. पंकज मिश्र, डॉ. जितेंद्र श्रीवास्तव व डॉ. सुरेंद्र कुमार की संयुक्त टीम बनाकर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी थी। जांच में पता चला कि मुर्दों के उतारे गए जेवर सीतापुर में बेचे जाते थे। इसे भी दैनिक जागरण ने ही उठाया। वहीं गुरुवार को फार्मासिस्ट पंकज सचान व मनोज कुमार के टीम ने बयान लिए और उसके बाद सीएमओ को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई।

सीएमओ डॉ. रोहताश कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारी वार्ड ब्वाय रूपेश पटेल और स्वीपर वाहिद शामिल रहा। वाहिद मुर्दे की चीर-फाड़ करते समय जो कुछ होता था। चोरी से निकाल लेता था। रूपेश पटेल को जानकारी रहती थी और वही दोनों सीतापुर में अभिषेक ज्वैलर्स के यहां मुर्दों के उतारे गए जेवर बेच आते थे।

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सीएमओ ने बताया कि वैसे तो पोस्टमार्टम हाउस पर सीसी कैमरा लगा है, लेकिन यहां पर पोस्टमार्टम होता है वहां पर कैमरा नहीं लगाया जा सका। उसी को देखते हुए कैमरा नहीं लगा था। यहां पर एक अवधेश वर्मा भी हैं। हालांकि पूरे खेल में रूपेश पटेल, और वाहिद ही शामिल रहा, लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अवधेश वर्मा को भी इसकी जानकारी थी पर उसने किसी को बताया है, जिस पर रूपेश पटेल और वाहिद के साथ ही अवधेश वर्मा को भी बर्खास्त करते हुए उनकी कंपनी को लिख दिया गया है।

रूपेश पटेल और वाहिद ने जेवर चोरी किए थे, जिस पर पोस्टमार्टम हाउस के नोडल अधिकारी डॉ. पंकज मिश्र की तरफ से कोतवाली देहात में दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। पोस्टमार्टम हाउस के अंदर इतना बड़ा मामला होने के बाद भी फार्मासिस्टों को कोई जानकारी न रहने पर फार्मासिस्ट पंकज सचान को तो पहले ही हटा गया था। दूसरे फार्मासिस्ट मनोज कुमार को भी हटाते हुए दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है।

सीएमओ ने बताया कि ज्वैलर्स से भी दोनों फार्मासिस्टों के बारे में जानकारी ली गई, लेकिन वह उनके बारे में कुछ नहीं बता सका। न ही फार्मासिस्टों की कभी ज्वैलर्स से बात हुई थी। क्योंकि पोस्टमार्टम हाउस की देख-रेख और वहां की गतिविधियों पर नजर रखने की एसीएमओ डॉ. पंकज मिश्र की जिम्मेदारी थी। उन्होंने भी सही से नहीं देखा, जिस पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

60 हजार रुपये में बेची थी बाली और नग

पुलिस कर्मी निक्की की बहन के शव से चोरी की गई बाली और नग रूपेश और वाहिद ने 60 हजार रुपये में बेचा था। दोनों ने रुपयों का भी हिस्सा बांट कर लिया था, लेकिन जब मामला खुला तो रूपेश पटेल ने सिपाही को जेवर लौटाने या रुपया देने का प्रलोभन भी दिया, लेकिन सिपाही ने उनकी नहीं सुनी। सीएमओ ने बताया कि सिपाही की जांच के बाद ही जांच शुरू हो गई थी। उसके बाद से तो विभाग अपने स्तर से कार्रवाई कर रहा था।

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