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नसबंदी कराने 35 मह‍िलाएं एक साथ पहुंच गईं अस्‍पताल, फ‍िर ऐसा क्‍या हुआ ज‍िसपर मच गया हंगामा

यूपी के हाथरस में मंगलवार को सीएचसी पर महिलाओं की नसबंदी की जा रही थी। करीब 35 महिलाएं नसबंदी कराने पहुंची। एक जब नसबंदी कराने के बाद घर जाने के लिए निकली तो उसे स्टेचर नहीं दिया गया। इसे लेकर महिला के स्वजन ने हंगामा कर दिया और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान स्वजन और स्वास्थ्य कर्मियों में नोंकझोंक हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 21 Nov 2023 10:05 PM (IST)
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हाथरस के एक सीएचसी में करीब 35 महिलाएं नसबंदी कराने पहुंची थीं।

संवाद सूत्र, मुरसान (हाथरस)। सीएचसी पर मंगलवार को महिलाओं की नसबंदी की जा रही थी। करीब 35 महिलाएं नसबंदी कराने पहुंची। एक जब नसबंदी कराने के बाद घर जाने के लिए निकली तो उसे स्टेचर नहीं दिया गया। इसे लेकर महिला के स्वजन ने हंगामा कर दिया और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान स्वजन और स्वास्थ्य कर्मियों में नोंकझोंक हो गई। कुछ लोगों ने आकर मामले को शांत कराया। वहीं, नसबंदी कराने आई महिलाओं ने बताया कि नसबंदी के लिए सीएचसी इंतजाम नहीं किए गए। महिलाओं की संख्या अधिक थी और सीएचसी पर बेड कम थे। वहीं, नसबंदी कराने के बाद एंबुलेंस भी काफी लेट आई, जिससे काफी देर तक परेशानी होती रही।

पुरुष नसबंदी के लिए चार दिसंबर तक चलेगा अभियान

जागरण संवाददाता, बलरामपुर। पुरुष नसबंदी पखवाड़े को सफल बनाने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में निजी चिकित्सालय संचालकों व ब्लाक स्तरीय इकाई के चिकित्साधिकारी की बैठक हुई। इसमें 21 नवंबर से पांच दिसंबर तक चलने वाले पखवाड़े में पुरुषों को प्रेरित कर नसबंदी कराने पर जोर दिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मुकेश कुमार रस्तोगी ने कहा कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मंगलवार से शुरू हो गया है। चार दिसंबर तक दो चरणों में अभियान चलेगा। 21 से 27 नवंबर तक पहला चरण प्रचार-प्रसार व जन जागरूकता के लिए चलेगा। इसमें एएनएम व आशा समुदाय में घर-घर जाकर पुरुषों से संपर्क कर उनका प्री-रजिस्ट्रेशन करेंगी।

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28 नवंबर से चार दिसंबर तक दूसरे चरण में ‘सेवा प्रदायगी’ के लिए चलेगा।जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल सहित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है। नसबंदी कराने वाले पुरुष लाभार्थी को तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करने वाली आशा को 400 रुपये प्रति लाभार्थी दिया जाता है।

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