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Lunar eclipse 2022 : चंद्रग्रहण से पूर्व हाथरस में मंदिरों के पट बंद, इन राशि वालों को सतर्क रहने की जरूरत

Lunar eclipse 2022 आज चंद्रग्रहण में सूतक लगने के चलते मंदिरों के कपाट अभी से बंद कर दिए गए हैं। इससे पहले करीब दो सप्‍ताह पहले सूर्य ग्रहण पड़ा था। कार्तिक मास मेंं15 दिनों के अंदर दोनों ग्रहण एक साथ पड़ने की घटना वर्षों बाद देखने को मिलेगी।

By himanshu guptaEdited By: Anil KushwahaUpdated: Tue, 08 Nov 2022 01:25 PM (IST)
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सूतक लगने के कारण हाथरस में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Lunar eclipse 2022 : कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर मंगलवार को चंद्र ग्रहण लग रहा है। आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण भारत में शाम 05:28 बजे से 06.19 बजे तक रहेगा। इससे पहले सूतक लगने के कारण मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं। ज्योतिषाचार्याें के अनुसार सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान के लिए कई भक्त रवाना हुए।

दो सप्‍ताह पहले सूर्यग्रहण था

वर्ष 2022 का अंतिम चंद्रग्रहण मंगलवार शाम से रहेगा। इससे करीब दो सप्ताह पहले दिन पहले सूर्य ग्रहण पड़ा था। अब चंद्रग्रहण का पड़ रहा है। कार्तिक मास में 15 दिनों के अंदर दोनों ग्रहण एक साथ पड़ने की घटना वर्षोंं बाद देखने को मिलेगी। हाथरस में चंद्रग्रहण का समय आठ नवंबर को शाम 05.28 बजे से शाम 06.19 बजे तक रहेगा। इसके लिए सूतक नौ घंटे पहले से ही सुबह 08.28 बजे से लग जाएंगे। चंद्रग्रहण मेष में घात, वृष में हानि, मिथुन में लाभ, कर्क में सुख, सिंह में मानहानि, कन्या में कष्ट, तुला में स्त्री कष्ट, वृषभ में सुख, धनु में चिंता, कुंभ में श्री प्राप्ति व मन में सामान्य है रहेगा।

100 अश्व मेघ यज्ञ का लाभ दिलाता है कार्तिक पूर्णिमा का दान

कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। पं. वीएन शर्मा ने बताया कि गंगा स्नान के दिन चंद्रग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण के बाद स्नान दान कर सकते हैं। इस दिन चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे और सूर्य केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित रहेंगे। इस दिन किया गया दान 100 अश्व मेघ यज्ञ के बराबर पुण्य दिलाता है।

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ग्रहण के वर्जित है मूर्ति स्पर्श

ज्योतिषाचार्य पं. विश्वनाथ पुरोहित बताते हैं कि धर्मशास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण में नौ घंटे व सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक लगते हैं। सूतकों में बालक, वृद्ध, रोगी व असहाय को छोड़कर अन्य किसी को भोजन, शयन, विषय सेवन, मूर्ति स्पर्श वर्जित है। ग्रहण के समय धार्मिक कृत्य, दान करना चाहिए। ग्रहण में जपा गया मंत्र सिद्धि दिलाता है।

ज्योतिषाचार्यों के मत

चंद्र ग्रहण ग्रस्तोदित है। इसका वेध यानि कि सूतक 12 घंटे पूर्व ही लग जाते हैं। इसीलिए इस ग्रहण में सूतक 12 घंटे पूर्व 05.27 बजे से लग जाएंगे। इस दिन प्रभु सेवा का कार्य इससे पूर्व ही करना उचित होगा।

- पं. उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी, ज्योतिषाचार्य

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जिन राशियों में यह ग्रहण खराब है उनके जातकों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियों को धारदार चाकू से फल व सब्जी काटने से बचना चाहिए। ग्रहण में किया गया दान पुण्य दिलाता है।

- पं. विश्वनाथ पुरोहित, ज्योतिषाचार्य

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