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हाथरस के Boolgarhi incident ने पकड़ी तेजी, इस तारीख में हो सकती है बहस, CBI ने की थी मामले की जांच

बूलगढ़ी कांड की कार्यवाही लगातार आगे बढ़ रही है। विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में सुनवाई के दौरान आरोप पक्ष ने बचाव साक्ष्य नहीं दिए। अब एक दिसंबर को सुनवाई की तिथि नियत की गई है। अगली तारीख पर मुकदमे में बहस शुरू हो सकती है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Fri, 18 Nov 2022 01:49 PM (IST)
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उत्‍तर प्रदेश के जनपद हाथरस के बूलगढ़ी कांड की कार्यवाही लगातार आगे बढ़ रही है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Hathras Boolgarhi incident उत्‍तर प्रदेश के जनपद हाथरस के बूलगढ़ी कांड की कार्यवाही लगातार आगे बढ़ रही है। विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में सुनवाई के दौरान आरोप पक्ष ने बचाव साक्ष्य नहीं दिए। अब एक दिसंबर को सुनवाई की तिथि नियत की गई है। अगली तारीख पर मुकदमे में बहस शुरू हो सकती है।

CBI ने बनाए 104 गवाह

हाथरस की कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को युवती पर हमला हुआ था। इसका मुकदमा गांव के ही संदीप के खिलाफ दर्ज किया गया था। युवती के बयानों के आधार पर मामले में दुष्कर्म की धारा और नाम बढाए गए। चाराें आरोपित संदीप, रवि, रामू और लवकुश अलीगढ़ जेल में हैं। CBI ने इस मुकदमे में 104 गवाह बनाए थे।

Hathras Boolgarhi incident में एक दिसंबर को हो सकती है बहस

सीबीआइ की विवेचक समेत कुल 35 लोगों की गवाही कराई गई है। पिछली तारीख पर आरोपित पक्ष की ओर से धारा 313 के तहत 79 सवालों के जवाब दाखिल करने के साथ-साथ बयान दर्ज कराए गए थे। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता अनुराग मोदी, मृतका पक्ष की अधिवक्ता सीमा कुशवाह, अधिवक्ता महीपाल सिंह निमहोत्रा, आरोपित पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर मौजूद रहे। चारों आरोपितों को अलीगढ़ जेल से यहां पेशी पर लाया गया। आरोपित पक्ष की ओर से कोई बचाव साक्ष्य पेश नहीं किया गया। अब एक दिसंबर को सुनवाई होनी है।

हाथरस के Boolgarhi में बदलेे हालात

एक साल में Boolgarhi की फिजा भी बदली है। गांव में अब न तनाव है और न सन्नाटा। ठाकुर और अनुसूचित जाति के लोगों के बीच रिश्ते सुधरने लगे हैं। जो कुछ हुआ उसका मलाल हर किसी को है। अनुसूचित जाति के लोग दूसरे समाज के लोगों के खेतों में काम करते नजर आए। मृतका के पिता का पांच बीघा खेत गांव के ही एक व्यक्ति ने बंटाई पर ले रखा है। बिटिया के पिता बोले उसकी आत्मा अभी भी इंसाफ के लिए भटक रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि इंसाफ जरूर मिलेगा। 

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