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क्या सेवादारों को ब्लैक वर्दी पहनने का अधिकार है, CM योगी ने की सवालों की बौछार; सन्न रह गए अधिकारी

Hathras Stampede मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस जिले का दौरा करने पहुंचे। घटनास्थल का दौरा करने के बाद वह पुलिस लाइन पहुंचे जहां अधिकारियों ने उन्हें घटना का ब्योरा दिया। इस दौरान सीएम ने कई सवाल किए जिसके जवाब अधिकारियों के पास नहीं थे। उन्होंने विधायकों से कहा कि मृतकाें के घर परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना देने जाएं।

By yogesh kumar sharma Edited By: Nitesh Srivastava Published: Wed, 03 Jul 2024 09:02 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 09:02 PM (IST)
हाथरस में हादसे को लेकर अधिकारियों संग चर्चा करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण- फोटो

योगेश शर्मा, हाथरस। जिला अस्पताल और घटनास्थल का दौरा करने के बाद पुलिस लाइन आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सवालों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उलझ गए। कई सवालों के जवाब तक नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री ने स्थानीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सीधे सवाल किए। सत्संग में 80 हजार की भीड़ की अनुमति थी तब व्यवस्थाएं क्या थीं? पुलिस-प्रशासन ने कोई प्लान तैयार किया था?

सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में हादसे को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि मुख्यमंत्री खुद हाथरस पहुंच गए। जिला अस्पताल में मरीजों का हाल जानने और घटनास्थल के बाद वह सीधे पुलिस लाइन आ गए। यहां बारी-बारी से अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीधे सवालों की ऐसी बौछार की कि सब अधिकारी सन्न रह गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सवाल किया कि सत्संग में अनुमति कितने लोगों की थी? अगर 80 हजार की अनुमति दी गई तो उन 80 हजार लेागों के लिए क्या प्लान बनाया था। कार्यक्रम स्थल पर आने-जाने की व्यवस्था देखी गई?

दूसरा सवाल किया कि क्या सेवादारों को ब्लैक कलर की वर्दी पहनने का अधिकार है? इसकी जांच होनी चाहिए। क्या 80 हजार की भीड़ को देखते हुए वैकल्पिक इंतजाम किए गए थे। इन सवालों का जवाब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी नहीं दे पाए।

एक सवाल ये भी पूछा कि प्रशासन ने 80 हजार लोगों के आने की संभावना को देखते हुए ट्रेन और अन्य वाहनों के इंतजाम पर क्या काम किया? मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा इनके सत्संग में आयोजक खुद की व्यवस्था करते हैं तो क्या इसकी समीक्षा अधिकारियों की ओर से की गई? इतनी बड़ी भीड़ के लिए खानपान और शाैचालय एवं पेयजल को लेकर क्या इंतजाम कार्यक्रम स्थल पर थे।

जिला अस्पताल में मोबाइल में फोटो से मृतक की पहचान करते स्वजन। जागरण

विधायक प्रदीप सिंह गुड्डू चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनके कार्यक्रम आयोजन में व्यवस्था खुद ही आयोजक करते हैं चाहे पार्किंग में सेवादारों की व्यवस्था हो या पानी एवं शौचालय की व्यवस्था।

प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों को देखते हुए पूरा प्लान तैयार हो और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होनी चाहिए जो कार्यक्रम स्थल पर नहीं थी।

सदर विधायक अंजुला माहौर ने कहा कि मां के निधन के कारण वह इसे नहीं देख सकीं। इस दौरान एसपी ने पूरे हादसे के दौरान का प्रजेंटेशन भी सीएम को दिखाया। मुख्यमंत्री ने विधायकों को कहा वह मृतकाें के घर परिजनों को सांत्वना देने जाएं।

इस दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार के अलावा एडीजी एवं कमिश्नर के अलावा डीएम और एसपी के अलावा प्रभारी मंत्री असीम अरुण, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एवं मंत्री लक्ष्मीनारायण, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह मौजूद थे।

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