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फर्जी फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़; लोन दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, दिल्ली-मेरठ के दो आरोपी धरे गए

हथरस में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हुआ है। एक फर्जी फाइनेंस कंपनी ने लोगों को नौकरी और लोन का झांसा देकर ठगा है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कई फर्जी दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी फर्जी कंपनी के जाल में न फंसें।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sun, 24 Nov 2024 09:15 PM (IST)
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पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर) जागरण।
संवाद सहयाेगी, हाथरस। साइबर थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों को जाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड के जरिए ठगने का जाल बिछाया था। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से चार मोबाइल, पांच फर्जी आधार कार्ड, नौ सिम कार्ड और 14 हजार रुपये बरामद किए हैं।

नगला भूरा निवासी अमित कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उन्होंने नौकरी के लिए अपना ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद उनके पास आराध्या फाइनेंस कंपनी से फोन आया और नौकरी का ऑफर दिया गया। कंपनी ने उन्हें ज्वॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड भी भेजा। कंपनी ने अमित को लोन दिलाने का काम सौंपा। अमित ने अपने गांव के कई लोगों से लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज के लिए पैसे जमा करवाए, लेकिन न किसी को लोन मिला और न ही जमा किए पैसे वापस हुए।

ठगी का पता चला तो शिकायत की

इसके बाद अमित को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामले का खुलासा करते हुए रविवार को पुलिस लाइन में एएसपी अशोक कुमार ने बताया कि यह गिरोह फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों को फर्जी आईडी कार्ड और ज्वॉइनिंग लेटर देता था। नौकरी पाने वाले व्यक्ति को अन्य लोगों से संपर्क कर लोन स्वीकृत कराने का लालच दिया जाता था।

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लोन प्रोसेसिंग और फाइल चार्ज के नाम पर फर्जी खातों में पैसे जमा कराए जाते थे। गिरोह फर्जी आधार कार्ड के जरिए सिम कार्ड निकालकर इनका इस्तेमाल करता था। आरोपित नरेंद्र कुमार निवासी सिंधावली रोहटा रोड थाना कंकरखेडा मेरठ और रामकुमार निवासी बलरई सालादी नगला जसवंतरनगर इटावा (वर्तमान में करावल नगर, ए-12 गली नंबर 4-सी वेस्ट करावल नगर नार्थ ईस्ट दिल्ली) को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक थाना साइबर क्राइम रामविदेश मय टीम शामिल हैं।

गिरोह के अन्य लोगों की तलाश

गिरोह का काल सेंटर नदीम नाम का व्यक्ति चला रहा था, जो मेरठ का रहने वाला है। पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों और मुखिया की तलाश में जुटी है। गिरोह का सरगना काल सेंटर से लोगों को फोन करता था। वे लोन दिलाने के झांसे में उन्हें फर्जी दस्तावेज देकर नौकरी पर रखते थे। फिर इनसे अन्य लोगों को फंसवाते और आनलाइन पैसे मंगवाते थे।

पुलिस ने शहर के लोगों से की अपील

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी फर्जी कंपनी के जाल में न फंसें। नौकरी या लोन के नाम पर पैसे मांगने वाले काल्स से सतर्क रहें और कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। फर्जीवाड़े के इस बड़े नेटवर्क को उजागर करने में पुलिस को सफलता मिली है। गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।

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