Explainer: हाथरस हादसे में दो जुलाई से अब तक, सात दिन में सिर्फ जांच ही जांच... जिम्मेदार अफसरों पर नहीं आंच; कहां है 'बाबा'?
हाथरस सत्संग हादसे को सात दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक जांच ही जांच हो रही है। चार तरह से जांच होने के बाद भगदड़ की वजह एक जैसी ही सामने आ रही है। जिम्मेदार अफसरों पर सात दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस खबर में सात दिनों की पूरी टाइमलाइन बताई गई है।
जागरण संवाददाता, हाथरस। सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद मची भगदड़ से हुई 121 मौतों के जिम्मेदार अफसरों पर सात दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर साक्ष्य छिपाने, भीड़ अधिक एकत्रित करने आदि आरोप हैं। इस मामले की चार स्तर पर जांच हो रही है। सभी में अभी तक हादसे के कारण तलाशे जा रहे हैं। इनमें चरण रज लेने के लिए लोगों का दौड़ना, सेवादारों द्वारा भीड़ रोकना, धक्कामुक्की करना, निकास के लिए एक गेट होना है।
एसडीएम की रिपोर्ट में अधिक भीड़ को हादसे की वजह बताई गई। न्यायिक आयोग को 34 लोगों द्वारा दिए गए बयान में भी यही है। एसआइटी की रिपोर्ट अभी भेजी नहीं गई। 24 घंटे में दी गई रिपोर्ट में प्रशासनिक जिम्मेदारियों का जिक्र सामने नहीं आया। सत्संग के लिए अनुमति से लेकर इंतजामों तक में प्रशासनिक लापरवाही भी है, मगर इसके लिए जिम्मेदार अभी तक तय नहीं किए गए हैं। इस पर अधिकारी कुछ नहीं कह पा रहे हैं। सभी की नजर जांच रिपोर्ट पर है।
पुलिस ने केवल मुख्य सेवादार पर ही नामजद अभियोग पंजीकृत किया। अन्य सेवादारों के नाम शामिल नहीं है। अनुयायियों के बयानों में यह भी सामने आया है कि साकार विश्व हरि ने ही जाते समय चरण रज लेने की बात कही थी। इसी लिए काफिला निकलने के दौरान चरण रज के चक्कर में भगदड़ मची। इन सबके बाद भी पुलिस ने सूरजपाल को आराेपित नहीं माना है। न्यायिक आयोग ने जांच में जरूरत पड़ने पर पूछताछ की बात जरूर कही है। हादसा दो जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में हुआ था।
जीटी रोड 91 से लगते छह-सात लोगों के 150 बीघा खेत में आयोजन किया गया था। 80 हजार लोगों के लिए अनुमति ली गई, मगर डेढ़ लाख से अधिक लोग आए। इतनी भीड़ के लिए कोई इंतजाम ही नहीं था। अनुमति देते समय न व्यवस्थाएं देखी गईं और न भीड़ पर ध्यान दिया गया। प्रशासनिक अधिकारी भी इस लापरवाही फंस रहे हैं।पुलिस-प्रशासन स्तर से घोर लापरवाही बरती गई थी। सारी व्यवस्थाएं लाठीधारी अनुयायियों पर छोड़ दी गई थीं। न तो पर्याप्त पुलिस बल तैनात था और न आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई व्यवस्था बनाई गई थी। प्रवेश और निकास द्वार एक ही था। इसकी हर तरफ चर्चाएं तो हैं, पर इसके लिए जिम्मेदार कौन-कौन थे? इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। अब तक किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की गई है।
यह है चार जांच रिपोर्ट में
1. पुलिस की रिपाेर्टहादसे के बाद सिकंदराराऊ कोतवाली के अंतर्गत पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की ओर से मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर व अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसमें 80 हजार लोगों की अनुमति लेने और दो लाख से अधिक भीड़ आने, चरण रज लेने व दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को सेवादारों द्वारा भीड़ रोकने, धक्का-मुक्की करने के चलते हादसा होने व साक्ष्य छिपाने का आरोप था।
पांच जुलाई को गिरफ्तार छह लोगों ने पूछताछ में बताया था कि चरण रज के लिए श्रद्धालु दौड़े थे। जांच में आपराधिक षड़यंत्र की आशंका जताई गई। छह जुलाई को मुख्य आयोजक मधुकर सहित तीन गिरफ्तार किए गए। पूछताछ में राजनीतिक फंडिंग की बात सामने आई। इसकी जांच की जा रही है।जांच यह भी पता लगा था साकार हरि की मुख्य आयोजक से घटना वाले दिन चार बार फोन पर बात हुई। सात जुलाई को दो लोग गिरफ्तार किए गए। 65 से अधिक अभी निशाने पर हैं। इसके लिए 12 टीमें प्रदेश के अलावा हरियाणा, एनसीआर, राजस्थान, मध्यप्रदेश में लगी हुई हैं। दो सौ से अधिक मोबाइल नंबर रडार पर हैं।
2. प्रशासन की रिपोर्टघटना के बाद रात को ही एसडीएम रवेंद्र कुमार ने जांच रिपोर्ट डीएम ने दी थी। यह शासन तक भेजी गई। इसमें कहा गया है कि सत्संग के पांडाल में दो लाख से अधिक की भीड़ थी। साकार विश्व हरि लगभग दोपहर 12.30 बजे पांडाल में पहुंचे। एक घंटे तक कार्यक्रम चला।लगभग 1.40 बजे उनका काफिला पांडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-91 (जीटी रोड) पर एटा की ओर जाने के लिए बढ़ रहा था। जिस रास्ते से वह निकल रहे थे उस रास्ते की और सत्संगी महिला पुरुष दर्शन व चरण स्पर्श एवं आशीर्वाद के लिए चरण रज को माथे पर लगाने लगे। डिवाइडर पर खडे लोग कूद-कूद कर बाबा के दर्शनार्थ वाहन की और दौड़ने लगे।
बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) एवं सेवादारों द्वारा बाबा के पास जाने से रोकने को स्वयं ही धक्कामुक्की शुरू कर दी गई। जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए। तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। राहत की सांस लेने के कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क की दूसरी ओर खुले खेत की तरफ लोग भागे। जहां सड़क से खेत की ओर उतरने के दौरान अधिकांश लोग फिसल कर गिर गए। इसके बाद पुनः उठ नहीं सके।
3. एसआइटी की प्रारंभिक रिपोर्टसीएम के निर्देश पर घटना वाले दिन ही एसआइटी गठित की गई। इसमें एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त अलीगढ़ चैत्रा वी.हैं। इन्होंने पहली रिपोर्ट 24 घंटे में सीएम को दी। इसमें सेवादारों को दोषी ठहराया गया। किसी षडयंत्र की आशंका भी जताई गई। एसआइटी की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है।इसमें डीएम, एसपी सहित 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। बयानों में चरणरज लेने के कारण भगदड़ की बात कही गई है। इसके साथ ही सेवादारों द्वारा धक्कामुक्की और निकासी के लिए एक गेट होनेे को बड़ा कारण बताया गया है। एसआइटी की रिपोर्ट लगभर पूरी हो चुकी है। इसे शासन को भेजने की तैयारी है।
4. न्यायिक जांच आयोग के समक्ष भी यही बातन्यायिक जांच आयोग छह जुलाई को हाथरस पहुंचा। अधिकारियों के साथ बैठक के बाद घटना स्थल देखा। इसके बाद एसपी, डीएम सहित अन्य अधिकारियों के बयान दर्ज किए। अगले दिन सात जुलाई को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पांच घंट में 34 लोगों के बयान दर्ज किए। इनमें चश्मदीद, मीडियाकर्मी व अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों ने घटना की वजह चरण रण लेने के कारण बताई है। सेवादारों के मौके से भगा जाने और धक्का मुक्की की बात भी कही है। इसके बाद दल लखनऊ रवाना हो गया। जल्द वापस आएगा।
हाथरस के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रविवार को लोगों के बयान दर्ज कर बाहर निकलते न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (पीली जैकेट में) व अन्य सदस्य। जागरण
हाथरस के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रविवार को न्यायिक जांच आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराने पहुंचे चश्मदीद और घटना से जुड़े लोग। जागरण
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।हाथरस के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रविवार को न्यायिक जांच आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराने पहुंचे चश्मदीद और घटना से जुड़े लोग। जागरण
पांच जुलाई को गिरफ्तारी
आरोपित का नाम | निवास स्थान | कार्य |
1. राम लड़ैते यादव | भानपुरा, मैनपुरी | किसान |
2. उपेंद्र यादव | बाइपास एटा रोड शिकोहाबाद, फिरोजाबाद | किसान व मानव मंगल मिलन सदभावना समागम समिति का जिलाध्यक्ष। |
3. मेघसिंह | मोहल्ला दमदपुरा, सिकंदराराऊ, हाथरस | किसान |
4. मंजू यादव | कचौरा, सिकंदराराऊ, हाथरस | गृहणी |
5. मुकेश कुमार | न्यू कॉलोनी दमदपुरा, सिकंदराराऊ, हाथरस | किसान |
6. मंजू देवी यादव | कचौरा, सिकंदराराऊ, हाथरस | गृहणी |
छह जुलाई को पकड़े गए
आरोपित का नाम | निवास स्थान | कार्य |
7. देवप्रकाश मधुकर | सलेमपुर, गादरी, अवागढ़, एटा, हाल निवासी मोहल्ला दमदपुरा नई कालोनी, सिकंदराराऊ, हाथरस | मनरेगा में टीए |
8. रामप्रकाश शाक्य | खांकेताल, बेवर, मैनपुरी | किसान |
9.संजू यादव | गोपालपुर, सिकंदराराऊ, हाथरस | पंचायती राज विभाग एटा में सफाई कर्मचारी |
सात जुलाई को पकड़े गए
आरोपित का नाम | निवास स्थान | कार्य |
10. दुरवेश कुमार | शिवनगर कालोनी, बेवर, मैनपुरी | पापड़ी की ठेल लगाता था |
11. दलवीर पाल | किनशनपुरगढ़िया, मैनपुरी | समोसा की ठेल लगाता था। |
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
- धारा 105- गैरइरादतन हत्या - पांच वर्ष से आजीवन कारावास।
- धारा 110- गैर-इरादतन हत्या का प्रयास- तीन वर्ष से सात वर्ष कारावास।
- धारा 126(2)- गलत तरीके से रोकने के लिए। एक महीने तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना।
- धारा 223- लोकसेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। - छह माह से एक वर्ष तक की सजा।
- धारा 238- अपराध के साक्ष्य को गायब करना- 10 वर्ष तक की सजा
साकार हरि कहां? किसी को पता नहीं
घटना के सात दिनों साकार विश्व हरि लोगों के बीच नहीं आए। छह जुलाई को उनका वीडियो प्रसारित हुआ। इसमें उपद्रवकारी बख्शे नहीं जाएंगे कहते हुए सरकार पर तो भरोसा जताया पर उपद्रवी कौन है यह स्पष्ट नहीं किया है। वह कहां हैं, यह बताने की बजाय उनके वकील डा, एपी सिंह जांच में सहयोग की बात कह रहे हैं। साकार हरि का पक्ष उनके वकील डा. एपी सिंह ने घटना के दूसरे दिन रखा था।वीडियो के साकार हरि का निर्दोष बताया। तीसरे दिन वे घटना स्थल गए। इसके बाद मधुर को पुलिस को सौपने का दावा किया, जिसे पुलिस ने गलत बताया। सात जुलाई को डा. सिंह ने साजिश होने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से दावा किया कि सत्संग के दौरान कुछ लोगों ने भीड़ में जहरीले स्प्रे से भरे डिब्बे खोले, जिससे भगदड़ मची।कौन हैंं साकार हरि?
नारायण साकार विश्व हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह है। वे जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। पिता किसान थे। एसपी सिंह बचपन में पिता के साथ खेती करते थे। जवान होने पर पुलिस में नौकरी पा ली। यूपी के 12 थानों के अलावा एसआइयू में भी रहे। अलीगढ़ जिले के अतरौली में सिपाही पद पर तैनात रहे। पदोन्नत होकर एसआइ बने। नौकरी के दौरान भी एसपी सिंह प्रवचन देते रहते थे। इस बात की चर्चा काफी होने लगी तो 18 वर्ष नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्ति ले ली।इसके बाद प्रवचन-सत्संग शुरू कर दिए। भगवा की वजह सफेद सूट और सफेद जूते में दिखाई देते हैं। आसपास के जिलों में गांव-गांव जाकर प्रवचन दिए और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई। सभी जाति-वर्ग के लोग इनसे जुड़े तो इन्होंने नाम बदलना उचित समझा। नारायण साकार विश्व हरि नाम रखा। श्रद्धालु इन्हें भोले बाबा नाम से भी पुकारने लगे। इनके अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में है।सत्संग में सुरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा के साथ बैठी प्रेमवती जोकि अनुयाई द्वारा जगत जननी के नाम से पुकारी जाती है।संवेदनाओं में राजनीति
हादसे के बाद नेताओं का पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने का सिलसिला बना हुआ है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रदेश अध्य अजय राय आदि के साथ आ चुके हैं। उन्होंने मुआवजा बढ़ाने के लिए सीएम को पत्र भी लिखा है। इनके अलावा आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्र शेखर, सपा के महासचिव रामजीलाल सुमन, बसपा के प्रदेश अध्य्क्ष विश्वनाथ पाल, किसान नेता राकेश टिकैत आ चुके हैं।कब क्या हुआ
- दो जुलाईः सत्संग के बाद भगदड़ में हर तरफ बिछ गईं लाशें, 121 की हुई मृत्यु, मुख्य सचिव और डीजीपी हाथरस आए, एसआइटी जांच के आदेश
- तीन जुलाईः सीएम हाथरस आए, अफसरों संग मंथन, घटनास्थल का भ्रमण, घटना के पीछे साजिश का अंदेशा, एसआइटी का गठन
- चार जुलाईः छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पर एक लाख का इनाम, षड्यंत्र की बात आई सामने
- पांच जुलाईः कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हाथरस में पीड़ित परिवारों मिले, मुआवजा बढ़ाने की मां रखी, मुख्य सेवादार दिल्ली से हुआ गिरफ्तार, राजनीतिक दलों से संबंध और फंडिंग की जांच शुरू
- छह जुलाईः न्यायिक आयोग की टीम पहुंची, अफसरों से वार्ता, एसआइटी से बातचीत, घटनास्थल का निरीक्षण किया, अस्पताल में मरीजों से बात की। सूरजपाल का पहला वीडियो आया सामने।
- सात जुलाईः न्यायिक आयोग की टीम ने दर्ज किए 34 लोगों के बयान, टीप वापस गई, दाे और लोग गिरफ्तार
- आठ जुलाई- किसान नेता राकेश टिकैत, सांसद चंद्रशेखर आजाद पीड़ति परिवारों से मिले