Move to Jagran APP

Hathras Lok Sabha Result: भाजपा की लहर में बह गए विपक्षी दलों के समीकरण, मुस्लिम सपा के पक्ष में एकजुट दिखे लेकिन जीत नहीं दिला सके

Hathras Lok Sabha Election Result हाथरस में मतगणना की शुरुआत से ही भाजपा प्रत्याशी अनूप वाल्मीकि ने बढ़त बना ली। अनूप ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरुआती दौर में सादाबाद में कुछ सीटों पर सपा-बसपा में उलटफेर होता रहा लेकिन अनूप वाल्मीकि की बढ़त बरकरार रही। हाथरस सदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अच्छी बढ़त का अनुमान था परिणाम भी वैसे ही आए।

By Abhishek Pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 04 Jun 2024 10:05 AM (IST)
Hero Image
हाथरस लोकसभा सीट का चुनावी रण, क‍िसकी होगी जीत, क‍िसे म‍िलेगी शिकस्‍त?
हिमांशु गुप्ता, जागरण हाथरस। लोकसभा चुनाव में हाथरस में एक बार फिर भाजपा ने बादशाहत कायम की है। जैसा अनुमान था, परिणाम भी वैसा ही रहा। पूरे प्रदेश में भले ही भाजपा की गाड़ी हिचकोले खाती दिखी, मगर यहां भाजपा की लहर के आगे विपक्षी दलों के सारे समीकरण बह गए। भाजपा प्रत्याशी अनूप वाल्मीकि ने रिकार्ड 2.47 लाख मतों से जीत दर्ज की है।

खास बात यह है कि संसदीय क्षेत्र के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी दल भाजपा के इर्द-गिर्द भी नहीं दिखे। कुछ जगह भाजपा विपक्षी दलों के वोट भाजपा से आधे ही रह गए।

हाथरस में मतगणना की शुरुआत से ही भाजपा प्रत्याशी अनूप वाल्मीकि ने बढ़त बना ली। अनूप ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरुआती दौर में सादाबाद में कुछ सीटों पर सपा-बसपा में उलटफेर होता रहा, लेकिन अनूप वाल्मीकि की बढ़त बरकरार रही।

हाथरस सदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अच्छी बढ़त का अनुमान था, परिणाम भी वैसे ही आए। यहां अनूप वाल्मीकि के आगे सपा के जसवीर वाल्मीकि 40 प्रतिशत वोट भी नहीं पा सके। यहां सपा को केवल 51,192 मत मिले। बसपा यहां से अच्छे मत पाने के लिए आश्वस्त थी, लेकिन परिणाम इससे इतर रहे।

बसपा का सदर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक कैडर वोट है, लेकिन फिर भी इसका फायदा पार्टी को नहीं मिला। परिणाम यह हुआ कि बसपा को इस विधानसभा क्षेत्र में महज 45,505 मत मिले। यहां कुल मतदान 2,34,118 रहा।

जाट बहुल सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-रालोद गठबंधन का जबरदस्त असर देखने को मिला। यहां भाजपा प्रत्याशी ने रिकार्ड 1,05,264 मत हासिल किए, वहीं अन्य दल आधे से कम वोट भी हासिल नहीं कर सके। सपा के जसवीर वाल्मीकि को यहां 52,409 मत मिले। बसपा को यहां केवल 37,553 वोट ही मिल सके। निर्दलीय और दलीय प्रत्याशी तो नोटा से भी कम वोट हासिल कर सके।

सिकंदराराऊ में तो सपा को बड़ा झटका लगा है। यहां मुस्लिम-यादव समीकरण से सपा जीत की आस लगाए बैठी थी, लेकिन यह फेल हो गया। यहां भी भाजपा प्रत्याशी को करीब 24 हजार मतों की बढ़त मिली है। यहां कुल 2,10,893 मत पड़े थे, जिनमें से भाजपा के अनूप वाल्मीकि को 93,997 मिले हैं। सपा के जसवीर वाल्मीकि यहां दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें 70,020 मत मिले। बसपा यहां केवल 43,335 मत ही हासिल कर सकी।

मुस्लिम मतदाताओं ने दिखाई एकजुटता

इस चुनाव में जिले के मुस्लिम मतदाताओं ने एकजुटता दिखाई। ज्यादातर मतदाताओं ने सपा को वोट दिया है। बसपा के कैडर वोट में भी सपा ने सेंध लगा दी। यही वजह रही कि इस बार बसपा तीसरे और सपा दूसरे स्थान पर पहुंच गई।

बसपा की उम्मीदों पर फिरा पानी

बसपा का इस चुनाव में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। ज्यादातर चुनावों में यहां दूसरे नंबर पर रही बसपा इस बार तीसरे नंबर पर खिसक गई। रामवीर उपाध्याय के समय में विधानसभा क्षेत्र में जहां बसपा का दबादबा रहता था, वहीं अब पार्टी का परिणाम बेहद खराब रहा है। चुनाव परिणामों को देखें तो बसपा से कैडर वोट भी छिटक गया है। प्रत्याशी धनगर बिरादरी से होने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिला। सिकंदराराऊ में धनगर वोटर ठीक-ठीक हैं, लेकिन वहां भी बसपा तीसरे स्थान पर रही। बसपा संगठन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

स्थानीय मुद्दे (Hathras Local Issues)

हाथरस में सड़क की जर्जर हालत, मेडिकल कॉलेज का कागजों से धरातल पर उतरना यहां के प्रमुख मुद्दे हैं।

2019 का जनादेश (Lok Sabha Election Result 2019)

हाथरस लोकसभा सीट पर 2019 में भारतीय जनता पार्टी के राजवीर दिलेर ने 2,60,208 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 6,84,299 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के रामजी लाल सुमन को 4,24,091 वोट प्राप्त हुए थे।

हाथरस के बारे में प्रमुख बातें

हाथरस की विश्व में पहचान यहां की हींग और रंग गुलाल के लिए है। यह शहर हींग की मंडी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हींग की छोटी-बड़ी कुल मिलाकर 60 फैक्ट्रियां हैं जिनसे हर वर्ष करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। यहां से तैयार हींग विदेश में निर्यात होती है।

यहां के गुलाल की भी काफी मांग है। गुलाब के इत्र का भी यहां बड़ा काम है। इसलिए इसे ‘रसनगरी’ भी कहते हैं। बच्चों के रेडीमेड कपड़े भी यहां बड़ी तादाद में बनकर बाहर जा रहे हैं। इसकी भी हाथरस में करीब 60 से 70 फैक्ट्रियां हैं।

इसे भी पढ़ें: कन्नौज में अखिलेश और सुब्रत पाठक में कांटे की टक्कर, किसे मिलेगी जीत?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।