Hathras Satsang Case: मरते रहे लोग, सेवादारों ने नहीं उठाने दिए शव; बोले- ये बाबा के आशीर्वाद से...
हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो चुकी है। भगदड़ मचने से लोग रौंदे जाते रहे लेकिन इस घटना को शुरुआत में छिपाने की कोशिश हुई। चश्मदीद ने बताया कि जब गड्ढे में गिरे लोगों को बचाने के लिए ग्रामीण और पुलिस-प्रशासिक अधिकारी आगे बढ़े तो सेवादारों ने उन्हें शव नहीं उठाने दिए। कहा कि यह बाबा के आशीर्वाद से सही हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, हाथरस। सत्संग में भगदड़ मेंं 121 मौत की घटना के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है। सेवादारों और आयोजकों की बड़ी लापरवाही इसमें सामने आई है। इसके पीछे साजिश भी बताई जा रही है। भगदड़ में लोग रौंदे जाते रहे, लेकिन इस घटना को शुरुआत में छिपाने की कोशिश हुई। सेवादारों ने मदद को पहुंची पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य लोगों को शव नहीं उठाने दिए।
कहा कि यह बाबा के आशीर्वाद से सही हो जाएंगे। व्यवस्था में लगे तमाम सेवादार मौके से भाग गए। सीएम ने भी इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है। पुलिस अब सेवादारों की पहचान करने में जुटी है। घटना दो जुलाई की दाेपहर की है। यहां बाबा का काफिला निकलने के दौरान रज एकत्रित करने को लेकर धक्कामुक्की और भगदड़ की बात कही जा रही है।
सेवादारों ने नहीं उठाने दिए शव
सेवादार और बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों की धक्का मुक्की के चलते भगदड़ की रिपोर्ट एसडीएम ने भेजी है। इधर घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद भी इस बात को कहते नजर आए। उन्होंने बताया कि जब गड्ढे में गिरे लोगों को बचाने के लिए ग्रामीण और पुलिस-प्रशासिक अधिकारी आगे बढ़े तो सेवादारों ने उन्हें शव नहीं उठाने दिए। इधर एसडीएम और पुलिस की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि पंडाल में दो लाख से अधिक की भीड़ थी।
साकार विश्व हरि लगभग दोपहर 12.30 बजे पांडाल में पहुंचे तथा एक घंटे तक कार्यक्रम चला। एक घंटे बाद बाबा का काफिला पंडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-91 (जीटी रोड) पर एटा की ओर जाने के लिए बढ़ रहा था। जिस रास्ते से साकार विश्व हरि निकल रहा था, उस रास्ते पर सत्संगी महिला-पुरुष दर्शन व चरण रज को माथे पर लगाने लगे। डिवाइडर पर काफी अधिक संख्या में दर्शन के लिए पहले से लोग खड़े थे।
यह लोग डिवाइडर से कूद-कूद कर बाबा के दर्शनार्थ वाहन की ओर दौड़ने लगे। बाबा के निजी सुरक्षाकर्मी एवं सेवादारों द्वारा उन्हें रोका गया। जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए। तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। राहत की सांस लेने के कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क की दूसरी ओर खुले खेत की तरफ लोग भागे।
जहां सड़क से खेत की ओर उतरने के दौरान अधिकांश लोग फिसल कर गिर गए। इसके बाद पुनः उठ नहीं सके। भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-उधर भागने लगी। भगदड़ में दबे कुचले लोग तड़पते रहे। आसपास के ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो सेवादारों ने उन्हें रोक दिया। उसने कहा कि बाबा की कृपा से सब ठीक हो जाएंगे। मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों को वीडियो बनाने से रोक दिया गया।
साक्ष्य मिटाने की हुई कोशिश
आयोजनकर्ताओं ने कार्यक्रम में एकत्रित होने वाली भीड की संख्या को छिपाकर अत्याधिक लोगों को बुलाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण के लिए अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया। भीड से कुचले श्रद्धालुओं के मौके पर छूटे सामान, कपड़े, जूते-चप्पल को उठाकर निकटवर्ती खेत में फसल में फेककर साक्ष्य छिपाया गया। मुकदमें भी भी इस बात का जिक्र है।
वीडियो और फोटो खंगाल रही पुलिस
भगदड़ के बाद सेवादार लोगों को फंसा हुआ देखकर मौके से भाग गए। मौके के वीडियाे और फोटो खंगाले जा रहे हैं। इससे सेवादारों की पहचान की कोशिश पुलिस कर रही है। अब तक इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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