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Hathras Stampede Case: सत्संग हादसे में 35 पुलिसकर्मी और 18 डॉक्टर हैं गवाह, सुनवाई आज

Hathras Stampede Case हाथरस में सूरजपाल के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सुनवाई होगी। प्रकरण में पुलिस ने 11 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। पुलिस ने इस घटना में 676 गवाह बनाए हैं। इनमें 35 पुलिसकर्मी अधिकारी व 18 डॉक्टर भी शामिल हैं।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 04 Oct 2024 08:53 AM (IST)
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दो जुलाई को सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद मची थी भगदड़।- फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, हाथरस। दो जुलाई को सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सुनवाई होगी। प्रकरण में पुलिस ने 11 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। पुलिस ने इस घटना में 676 गवाह बनाए हैं। इनमें 35 पुलिसकर्मी, अधिकारी व 18 डॉक्टर भी शामिल हैं। तत्कालीन तहसीलदार भी विवेचना में गवाह हैं। 71 सेवादारों के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है, इनमें से ज्यादातर आयोजन समिति के सदस्य थे। सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं है।

सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में हादसे के बाद पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय की ओर से मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर व अन्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया था। इसमें 80 हजार लोगों की अनुमति लेने और दो लाख से अधिक भीड़ आने, चरण रज लेने व दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को सेवादारों द्वारा भीड़ रोकने, धक्का-मुक्की के चलते हादसा होने व साक्ष्य छिपाने का आरोप था।

देवप्रकाश मधुकर समेत कुल 11 सेवादार और आयोजकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मंगलवार को पुलिस ने सभी 11 आरोपितों के खिलाफ 3200 पेज की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल की थी। पुलिस की विवेचना अभी जारी है।

जले पर नमक झिड़कने का काम कर रहीं मायावती: एपी सिंह

सत्संग हादसे में साकार विश्व हरि का नाम शामिल नहीं करने पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर प्रतिक्रिया देकर सरकार को घेरा है। उन्होंने राज्य सरकार पर सूरजपाल को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। सूरजपाल पर सरकार की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया है। इस पर सूरजपाल के अधिवक्ता डा. एपी सिंह ने बयान जारी कर कड़ी प्रतिक्रया दी है।

उन्होंने कहा है कि खुद चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। उन्हें किसी एजेंसी पर भरोसा नहीं है, इसीलिए वह लांछन लगा रही हैं। उन्हें इस बात से ईर्ष्या है कि आखिर कैसे दलित, पीड़ित, शोषित व्यक्ति धर्म की बात कर रहा है। वह नारायण साकार विश्व हरि को फंसाने की बात कर रही हैं, जबकि वह घटना से 35-40 मिनट पहले निकल चुके थे। जो लोग हादसे में मारे गए वे सकार विश्व हरि के अनुयायी थे। उनके अपने लोग थे। ऐसे में मायावती अनर्गल आरोप लगाकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं। बसपा सुप्रीमो को एक्स हैंडल पर लिखी अपनी बात को वापस लेना चाहिए।

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