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Hathras News: SIT रिपोर्ट के बाद आखिर क्यों निलंबित किए ये जिम्मेदार? सामने आई बड़ी वजह, बाबा भी बयान देने नहीं आए

Hathras News हाथरस केस में एसआईटी की रिपोर्ट के बाद उप जिलाधिकारी से लेकर कई अन्य सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। उपजिलाधिकारी रवेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने मौका मुआयना नहीं किया l सीओ आनंद कुमार ने कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा इंतजाम नहीं किए l सत्संग में 80 हजार की अनुमति की संस्तुति के बाद भी कोतवाल नहीं चेतेl

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 10 Jul 2024 08:16 AM (IST)
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Hathras News: हाथरस में इसी स्थान पर मची थी भगदड़ और नीचे निलंबित किए गए सरकारी कर्मचारी।

जागरण संवाददाता, हाथरस। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर लापरवाही के कारण निलंबन की गाज गिर ही गई। एसडीएम और सीओ समेत निलंबित छह अधिकारी-कर्मचारी दायित्वों का निर्वहन ठीक से करते तो इतना बड़ा हादसा न होता।

एसआईटी रिपोर्ट में सामने आया है कि उप जिलाधिकारी ने सत्संग की अनुमति देने से पहले मौका मुआयना करना भी उचित नहीं समझा। सीओ लाखों की भीड़ आने की संभावना के बाद भी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था जुटाने में नाकाम रहे। जिस क्षेत्र में सत्संग हो रहा था, उस क्षेत्र के तहसीलदार और कोतवाल एवं दो हल्का प्रभारी की लापरवाही भी उजागर हुई तो शासन की कार्रवाई का हंटर चलना लाजिमी था।

सत्संग स्थल पोरा क्षेत्र में, घटनास्थल कचौरा में

इस घटना के बाद दो चौकी प्रभारी कार्रवाई की जद में आए हैं। जिस खेत में सत्संग हो रहा था, वह पोरा पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत है। हादसा रोड की दूसरी तरफ दूसरे खेत में हुआ जो कचौरा क्षेत्र में आता है। इसके चलते दोनों चौकी प्रभारियों पर कार्रवाई की गई है।

हाथरस के सत्संग के दौरान सुरक्षा में लगे होमगार्ड सत्संग में लीन दिखे थे, ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो चुकी है।

इन पर हुई कार्रवाई

रवेंद्र कुमार, एसडीएम: आठ जून 2024 को सिकंदराराऊ में तैनाती मिली। उन्होंने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।

आनंद कुमार, सीओ : सिकंदराराऊ में दिसंबर 2022 से क्षेत्राधिकारी हैं। उन्होंने न तो वरिष्ठ अधिकारियों को इतने बड़े कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया और न ही सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम किए।

सुशील कुमार, तहसीलदार : चार जुलाई 2023 से सिकंदाराराऊ में तैनात हैं। उनके पास लेखपालों की फौज रहती है, लेकिन लाखों की भीड़ की संभावना की रिपोर्ट जुटाने में असफल रहे। इतने बड़े कार्यक्रम में इंतजामों को वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं बताया।

आशीष कुमार, एसएचओ : 27 मार्च 2023 को सिकंदराराऊ कोतवाली का कार्यभार ग्रहण किया। इतने बड़े कार्यक्रम को लेकर अपने अधिकारियों को सही रिपोर्ट नहीं दे सके। सुरक्षा-व्यवस्था फेल रही।

मनवीर चौधरी, चौकी प्रभारी कचौरा : दो महीने पहले कचौरा चौकी प्रभारी का दायित्व मिला। मनवीर चौधरी को इसलिए निलंबित किया गया है, क्योंकि भगदड़ से मौत वाला खेत उनके चौकी क्षेत्र में है।

ब्रजेश पांडे, चौकी प्रभारी पोरा : डेढ़ वर्ष से चौकी प्रभारी हैं। सत्संग स्थल पोरा चौकी के अंतर्गत है। वे मुकदमे में वादी भी हैं। अनुमति पत्र में चौकी इंचार्ज की रिपोर्ट लगती है। रिपोर्ट में लापरवाही बरती गई।

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एसआईटी ने बयान दर्ज कराने को बुलाए थे सूरजपाल

हाथरस के सिकंदराराऊ में 121 अनुयायियों की मृत्यु के मामले में जांच के दौरान एसआईटी ने सभी पक्षों के बयान दर्ज किए हैं। इसमें एसआईटी ने बयान के लिए सूरजपाल (नारायण साकार विश्व हरि) को भी बुलाया था। लेकिन वे बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे।

सिंहासन पर बैठे कथित बाबा सूरजपाल और उनके साथ बैठी पत्नी की फोटो एक सत्संग के दौरान की है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच की। इसमें एसआईटी ने बयान के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, पीड़ितों और सेवादारों को बुलाया था। सभी को पहले से बयान दर्ज कराने को समय दिया गया।

सूरजपाल को भी बयान दर्ज कराने को एसआईटी ने नोटिस भेजा था। मगर, उनकी ओर से कोई बयान नहीं मिला। सूरजपाल के अधिवक्ता एपी सिंह का कहना है कि अभी तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलेगा तो जरूर विधिक प्रक्रिया अपनाएंगे।

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