Hathras Stampede: हर तरफ बिछी थी लाशें… अस्पताल बन गया श्मशान घाट, चप्पलों और जूतों ने दी वीभत्स हादसे की गवाही
हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के बाद मची भगदड़ में मारे गए लोगों की लाश रखने की जगह कम पड़ गई। स्वास्थ्य केंद्र श्मशान घाट के समान दिख रहा था। हर तरफ लोगों की भीड़ से चीखने की आवाज आ रही थीं। मौके पर मौजूद अधिकारियों की भी आंखें नम हो गई। पुलिस के अनुसार जिले में इतना बड़ा हादसा कभी नहीं हुआ था।
योगेश शर्मा, हाथरस। सिकंदराराऊ क्षेत्र में सत्संग के बाद मची भगदड़ में जिन लोगों की मौत हुईं उनकी लाशें जब एम्बुलेंस और विभिन्न वाहनों से सिकंदराराऊ में स्थित स्वास्थ्य केंद्र के बाहर रखीं गई, ताकि उनके परिजन आकर शिनाख्त कर सकें। मगर जैसे की परिजनों ने अपनों के शव देखा तो घंटों तक चीख चीत्कार होती रही। उनको संभालने में स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ लगा रहा।
हादसे के बाद जीटी रोड पर दो दो किलोमीटर दूर तक भीड़ का सैलाब था। भीड़ के बीच वाहनों को दूसरे रास्तों से निकालने का इंतजाम किया गया। स्थल के आसपास भगदड़ के दौरान पड़ी चप्पलें और जूते वीभत्स गवाही दे रहे थे।
भयावह रहा हादसे का मंजर
सिकंदराराऊ के फुलरई में हादसे के बाद का मंजर बहुत भयावह रहा। सत्संग भवन के बाहर लाशें बिछ गईं। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे पड़े थे। किसी को टेंपो तो किसी को पुलिस की जीप से अस्पताल पहुंचाया। आसपास के लोग भी भागकर मौके पर आए और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।हादसे के बाद जिन लोगों के शव पड़े थे, उनको विभिन्न साधनों से सिकंदराराऊ के स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया। इतनी बड़ी संख्या में शवों को रखने के लिए कोई जगह नहीं दिखी ताे स्वास्थ्य केंद्र के बाहर रख दिया गया।
शवों की शिनाख्त करने के लिए तमाम लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। हर किसी की आंख में आंसू थे जो अधिकारी ड्यूटी में लगाए गए उनकी आंखें भी नम थीं। भीड़ को संभालने के लिए लगाए गए पुलिसकर्मी बोले, इतना बड़ा हादसा जिले में कभी नहीं हुआ।
हादसे को लेकर लापरवाही
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, सत्संग में भारी भीड़ जुटी थी। कथा खत्म होने के बाद लोगों को घर जाने की जल्दी थी और कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने के लिए रास्ता चौड़ा नहीं था। जाने की जल्दी में लोगों ने एक-दूसरे को पीछे से धक्का दिया और भगदड़ मच गई।
हालांकि, पुलिस की जांच के बाद हादसे की सही वजह सामने आएगी। मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश सीएम की ओर से दे दिए गए हैं।यह भी पढ़ें: हाथरस में कैसे मची भगदड़? एक के ऊपर एक गिरते गए लोग, हादसे में कब-क्या हुआ, यहां पढ़ें 116 मौतों की कहानी
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