हाथरस में कैसे मची भगदड़? एक के ऊपर एक गिरते गए लोग, हादसे में कब-क्या हुआ, यहां पढ़ें 121 मौतों की कहानी
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस हादसे में आयोजकों की लापरवाही सामने आई है। हादसे के बाद हाथरस में डीजीपी प्रशांत कुमार भी पहुंचे। उन्होंने घटना से जुड़ी जानकारी ली। इसके साथ प्रशासन आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री बुधवार को हाथरस आकर स्थिति का जायजा लेंगे।
जागरण संवाददाता, हाथरस। जीटी रोड के किनारे डेढ़ सौ बीघा क्षेत्रफल में बनाए गए विशालकाय पंडाल में साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को अमंगल हो गया। सत्संग के बाद भाेले बाबा के काफिले को निकलने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया, लेकिन आयोजक भीड़ को नहीं संभाल पाए।
बाबा का काफिला हाईवे पर पहुंचते ही बेकाबू हुई भीड़ में भगदड़ मच गई। भगदड़ में हाईवे के दूसरे किनारे पर खेत में एक के ऊपर एक गिरे श्रद्धालुओं में से 121 की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए हैं। हादसे के बाद घंटों तक चीत्कार मचा रहा।
एक घंटे बाद प्रशासनिक अमला पहुंचा और राहत कार्य शुरू कराया गया। मरने वालों का आंकड़ा देर रात तक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इतनी भीड़ जुटने के बाद भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे।
डेढ़ सौ बीघा में 15 दिनों से तैयारियां
मूल रूप से कासगंज के पटियाली के रहने वाले साकार विश्व हरि भोले बाबा का माह के पहले मंगलवार को होने वाले मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सिकंदराराऊ की समिति को सौंपा गया था।
कस्बे से छह किमी दूर जीटी रोड के किनारे फुलरई गांव में डेढ़ सौ बीघा में पिछले 15 दिनों से तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए प्रदेश के कई जिलों के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से श्रद्धालु दो दिन पहले ही पहुंचने लगे।
मंगलवार सुबह आठ बजे से ही पंडाल भर चुका था। दोपहर 12 बजे भोले बाबा अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और सत्संग शुरू हुआ। दोपहर एक बजे सत्संग समाप्त हुआ और इसके बाद आरती शुरू हो गई।
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