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Hathras News: लोकसभा चुनाव में रिंग रोड बनाने का मुद्दा सबसे हावी, 18 लाख से अधिक लोगों को मिलेगी सहूलियत; बढ़ेगा कारोबार

हाथरस को जिला तीन मई 1997 में बनाया गया था। वर्ष 2001 की जनसंख्या के अनुसार इसकी जनसंख्या 123343 थी। वर्ष 2024 में यह जनसंख्या छह लाख बढ़कर 1867100 हो गई। जनसंख्या बढ़ने के साथ सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। वाहनों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। इससे व्यापार व यातायात को लेकर दिक्कतें भी बढ़ती गई हैं इसलिए...

By Akash raj singh Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 16 Apr 2024 03:17 PM (IST)
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हाथरस में रिंग रोड का मुद्दा सबसे हावी
जागरण संवाददाता, हाथरस। विकास के बड़े बड़े दावे तो हो रहे हैं। जिले में उतने विकास कार्य नहीं दिख रहे। इसमें पिछले कई सालों से रिंग रोड बनाने की मांग की जा रही है। रिंग रोड शहर के लिए बहुत आवश्यक हो गया है। इससे वाहनों चालकों को काफी सहुलियतें मिलेंगी।

यह रिंग रोड नगला उम्मेद या रुहेरी से मेंडू होते हुए जलेसर के रास्ते नगला भुस या चंदपा पर आगरा रोड से जुड़ेगा। वहीं से मथुरा रोड के रास्ते इगलास रोड व अलीगढ़ रोड को आपसे में जोड़ने का कार्य करेगा।

जिले की 18 लाख से अधिक की आबादी को काफी सहुलियतें मिलेंगी। इसके बनने से रिंगरोड के किनारे रोजगार के अवसर पर मिलेंगे। इससे राह आसान होगी वहीं शहर में लगने वाले जाम की समस्या दूर हो जाएगी। जिले के प्रमुख मुद्दों में रिंगरोड का मुद्दा भी शामिल है।

लोकसभा चुनाव आते ही इसे लोगों द्वारा जोर शोर से उठाया जा रहा है। इस पर प्रस्तुत है आकाश राज सिंह की यह रिपोर्ट...

बड़े स्तर पर है दाल, हींग व गारमेंट का काराेबार

औद्योगिक नगरी के रूप में हाथरस देश-विदेशों में विख्यात था। लोगों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद उद्योगों में हाथरस का दूसरा नंबर था। यहां पर बिजली काटन मिल सहित तीन बड़े मिल थे। दाल व गारमेंट का सबसे बड़ा कारोबार था। आज इसकी पहचान हींग, नमकीन, दाल, रेडीमेड, हैंडीक्राफ्ट, हसायन में इत्र, पुरदिलनगर में मूंगा मोती, सासनी में कांच का कारोबार बड़े स्तर पर होता है।

23 साल में छह लाख बढ़ी जिले की जनसंख्या

हाथरस को जिला तीन मई 1997 में बनाया गया था। वर्ष 2001 की जनसंख्या के अनुसार इसकी जनसंख्या 123,343 थी। वर्ष 2024 में यह जनसंख्या छह लाख बढ़कर 18,67,100 हो गई। जनसंख्या बढ़ने के साथ सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। वाहनों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। इससे व्यापार व यातायात को लेकर दिक्कतें भी बढ़ती गई हैं। लोग बताते हैं कि इसके लिए रिंग रोड बनाना जरूरी हो गया है।

रिंग रोड बनने दौड़ेगा व्यापार, होगा विकास

जिले में उद्योगों की रफ्तार यातायात व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने से प्रभावित हो रही है। प्रतिदिन जिले में पांच हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। रिंग रोड बनने से शहर में वाहन जाम की समस्या से बच सकेंगे। यह रिंगरोड अलीगढ़, आगरा, सिकंदराराऊ, जलेसर व इगलास मार्ग को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा। इससे जिले का व्यापार दौड़ने लगेगा। लोगों को इसके किनारे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

आसान होगा सफर, जाम से मिलेगी निजात

रिंग रोड बनने वाहनों को शहर में बेवजह प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। इससे वह नो एंट्री से बचेंगे। साथ छोटे व बड़े शहरों के लिए आसानी से निकल सकेंगे। शहर में जाम की समस्या पूरी तरह से दूर हो जाएगी। इससे यातयायात के साधन भी बढ़ जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी यात्रा करने के उनके नजदीक पर बने रिंगरोड से ही वाहन आसानी से मिल सकेंगे। इससे सफर आसान होने के साथ जाम से निजात मिलेगी।

शहर का नाम  हाथरस शहर से दूरी किमी में
अलीगढ़ 36 किमी
मथुरा 41 किमी
खैर 46 किमी
आगरा 54 किमी
सादाबाद  19 किमी
सिकंदराराऊ 33 किमी
जलेसर 29 किमी
सासनी 10 किमी
मुरसान 10 किमी

पब्लिक बोल

बड़े शहरों में ही नहीं छोटे शहरों में विकास तेजी से हो रहा है। हाथरस की ओर ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रिंग रोड बनने से यातायात व्यवस्था में काफी सुधार होगा।

-त्रिवेश शर्मा, शिक्षक

शहर में कोई ऐसा रोड नहीं है जिससे बिना जाम के निकला जा सके। रिंग रोड बनने से जाम की समस्या से निजात मिलेगी। इससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। वाहन सीधे कारोबारियों के यहां पहुंच सकेंगे।

- राजकुमार, राहगीर

जिले में यातायात के साधन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। शहर में कोई घटना होने पर राजमार्गों पर भी लंबा जाम लग जाता है। इसीलिए रिंग रोड बनने राहगीर, वाहन चालक सहित सभी लाभ होगा।

- उमेश कुमार, वाहन चालक

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