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जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने जाहिर की अपनी इच्छा, 'मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर'

Rambhadracharya श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार को धूमधाम से लाडपुर स्थित वार्ष्णेय शीतगृह पर हो गया। इससे पूर्व दोपहर में 1100 कलशों की भव्य कलशयात्रा गांव में निकाली गई। इसमें पीत वस्त्रधारी महिलाएं सिर पर कलश धारण किए चल रही थीं। कथा स्थल पर पहुंचकर कलशों को स्थापित किए गए। उसके बाद जगद्गुरू रामभद्राचार्य महाराज के मुखारबिंद से श्रीराम कथा की रसधार बही।

By Akash raj singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 25 Jan 2024 10:36 PM (IST)
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जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने जाहिर की अपनी इच्छा, 'मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर'
जागरण संवाददाता, हाथरस। श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार को धूमधाम से लाडपुर स्थित वार्ष्णेय शीतगृह पर हो गया। इससे पूर्व दोपहर में 1100 कलशों की भव्य कलशयात्रा गांव में निकाली गई। इसमें पीत वस्त्रधारी महिलाएं सिर पर कलश धारण किए चल रही थीं।

कथा स्थल पर पहुंचकर कलशों को स्थापित किए गए। उसके बाद जगद्गुरू रामभद्राचार्य महाराज के मुखारबिंद से श्रीराम कथा की रसधार बही। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि की तरह ही श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर भी भव्य मंदिर बनना चाहिए।

रामभद्राचार्य ने शुरू की कथा

ब्रज के द्वार देहरी हाथरस से चंद किलोमीटर की दूरी पर गांव लाडपुर में श्रीराम कथा महोत्सव शुक्रवार से शुरू हो गया। शाम करीब पांच बजे तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदास्वामी पद्म विभूषण रामभद्राचार्य महाराज ने व्यासपीठ से श्रीराम कथा महोत्सव के तहत कथा प्रारंभ की।

उन्होंने कहा, आज बहुत अच्छा दिन है। यह बहुत खुशी का दिन है। श्रीराम कथा लाडपुर के वार्ष्णेय शीतगृह में प्रारंभ हो रही है। वार्ष्णेय शीतगृह लाडपुर, हाथरस उत्तर प्रदेश में यह कथा प्रारंभ हो रही है। इस कथा में आपको और मुझको बहुत आनंद आएगा। यहां कथा कहने में आनंद बहुत आता है।

उन्होंने तुलसीदास जी की यह प्रसिद्ध चौपाई सुनाई, ‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर, तुलसीदास चंदन घिसें तिलक करें रघुवीर।’ इसका अर्थ भी महाराज ने बड़े ही रोचक ढंग से समझाया। उन्होंने संत की महत्ता बताते हुए उनकी संगति को श्रेष्ठ कहा।

भगवान कृष्ण का भी बनना चाहिए भव्य मंदिर

उन्होंने कहा कि कृष्ण जन्म स्थान पर भी भगवान कृष्ण का भव्य दिव्य मंदिर बनना चाहिए। महाराज यहां अपनी 1384वीं कथा कह रहे थे। तुलसी पीठाधीश्वर को सुनने के लिए पंडाल खचाखच भरा था। महाराज बीच-बीच में हो रहे शोर शराबे को भी शांत करने के लिए भक्तों से बोल रहे थे।

प्रसिद्ध संत के कथा प्रवचन सुनने के लिए दूर-दूर से भक्तजन आए हुए थे। पंडाल खचाखच भरा हुआ था। इस अवसर पर चौधरी रिषीपाल सिंह एमएलसी, चौ. बौधपाल सिंह जिला पंचायत सदस्य, दिनेश चौधरी, संजय चौधरी, सुशील चौधरी, जितेंद्र कौशिक, अनूप चौधरी, कप्तान सिंह ठेनुआं, संजीव, तनुज, रामवीर सिंह भैयाजी, रामकुमार वर्मा, धीरेश रविकांत जोशी, नरेश, मनोज अग्निहोत्री, टिंकू राना, ब्रजेश वशिष्ठ, कृष्ण गोपाल, मुनेंद्र, राजेश वाष्र्णेय, अनिल वाष्र्णेय, गौरव प्रताप सिंह मौजूद रहे।

धूमधाम से निकली 1100 कलशों की यात्रा

नौ दिन तक चलने वाली श्रीराम कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ जलेसर रोड के लाडपुर स्थित वार्ष्णेय शीतगृह पर शुक्रवार को हुआ। कथा से पहले दोपहर 12 बजे लाडपुर में भव्य कलशयात्रा निकाली गई। कलशयात्रा में पीतवस्त्रधारी महिलाएं कलशों को धारण किए हुए चल रही थीं। यजमान के रूप में अजय कुमार गुप्ता परिवार सहित शामिल रहे।

कलशयात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। कलशयात्रा में प्रभु श्रीराम के भजन गाते हुए राम भक्त चल रहे थे। इसमें हनुमानजी सहित देवी देवताओं की झांकियां शामिल थीं। वार्ष्णेय शीतगृह स्थित कथास्थल पहुंचने के बाद वहां पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ कलशों को स्थापित किया गया।

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