दो 'वीर' के बूते विजयपथ पर दौड़ेगा सीमा का रथ
चुनावी तैयारी जिले में जातीय समीकरण के लिए महत्वपूर्ण है रामवीर और जयवीर सिंह का साथ।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 18 Jun 2021 04:36 AM (IST)
जासं, हाथरस : जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में विपक्षियों को पटखनी देने के लिए भाजपा में राजनीति के दो 'वीर' हाथ मिला चुके हैं। हाथरस की सियासत के वीर रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए अलीगढ़ की राजनीति के 'वीर' कहे जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री ठा.जयवीर सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे यहां सहयोगी की भूमिका निभाएंगे लेकिन उनका यहां आना भाजपा की दूरगामी रणनीति का संकेत भी दे रहा है। भाजपा इस चुनाव में विपक्ष की रणनीति को भांपते हुए कोई कमजोर कड़ी नहीं छोड़ना चाहती है।
जातीय समीकरण होंगे मजबूत : हाथरस जनपद की राजनीति में ब्राह्मणों के अलावा क्षत्रिय समाज का भी वर्चस्व माना जाता है। उस नजरिए से जयवीर सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। वहीं रामवीर उपाध्याय ब्राह्मणों में जाना माना चेहरा हैं। दोनों लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। दोनों बसपा जैसी पार्टी में कैबिनेट मंत्री के तौर पर लंबे समय तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में कद्दावर नेता के रूप में रहे हैं। दोनों की केमिस्ट्री कई मायनों में मिलती है। भतीजे की पांच साल तक अध्यक्षी रखी बरकरार : पिछली बार 2015 में हुए चुनाव में अलीगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ठा.जयवीर सिंह की सरपरस्ती में भतीजे उपेंद्र सिंह नीटू जीते थे। जब वे कैबिनेट मंत्री थे, तब नीटू उनके पीआरओ के पद पर लंबे समय तक साथ रहे थे। बाद में भाजपा में शामिल होकर लगातार पांच साल तक एक छत्र राज किया और विरोधियों को एकजुट नहीं होने दिया। उनके सारे समीकरण बिगाड़ दिए। पत्नी राजकुमारी चौहान को अलीगढ़ से सांसद बनवाया। ठा. जयवीर सिंह फिलहाल एमएलसी हैं।
रामवीर भी कम नही : रामवीर उपाध्याय लंबे समय तक कैबिनेट मंत्री रहने के बाद फिलहाल सादाबाद से विधायक हैं। हाथरस में भाई विनोद उपाध्याय और पत्नी सीमा उपाध्याय के सिर पर जिला पंचायत अध्यक्ष का सेहरा बंधवा चुके हैं। उनके सारथी भाई रामेश्वर उपाध्याय जिला पंचायत सदस्य और ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में रामवीर और जयवीर की जोड़ी जिले में राजनीति के नए आयाम तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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