स्न्नान-पूजा कर कमरे में जा रहे थे, अचानक बंदरों की घुड़की से सीढ़ियों से गिरे बनारस मठ के संत- मृत्यु
हाथरस में एक दुखद घटना में बनारस मठ के संत की सीढ़ियों से गिरने से मृत्यु हो गई। बंदरों के झुंड ने उन्हें डरा दिया जिससे उनका पैर फिसल गया और वे गिर गए। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी। संत का पार्थिव शरीर समाधि के लिए काशी ले जाया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, हाथरस। बंदरों की घुड़की से सीढ़ियों से गिरने से बनारस मठ के संत की मृत्यु हो गई। वह स्न्नान व पूजा कर सीढ़ियों से अपने कमरे में जा रहे थे। जिला अस्पताल की इमरजेंसी लाने पर उन्हें चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक के मुताबिक सिर में चोट लगने से उनकी मृत्यु हुई। फिलहाल उनके शव को समाधी के लिए काशी ले जाएगा गया है।
शहर के साकेत कालोनी स्थित राधा कृष्ण मंदिर में बनारस मठ के संत दंडी स्वामी अरुण आश्रम जी महाराज विगत दिनों पूर्व घुमने व क्षेत्रीय लोगों से मिलने के लिए आए थे। मंदिर परिसर स्थित छत के कमरे में रह रहे थे। प्रतिदिन की भांति अरुण आश्रम जी महाराज रविवार की सुबह पांच बजे स्नान के लिए नीचे मंदिर परिसर में आए।
स्वामी अरुण का फिसल गया पैर...
स्न्नान व पूजा करके सीढ़ियों से अपने कमरे में जा रहे थे।तभी छह बजकर 45 मिनट पर सीढियों पर चढ़ने के दौरान यकायक बंदरों की टोली आ गई और बंदरों ने घुड़की देना शुरू कर दिया। बंदर की घुड़की से स्वामी अरुण का पैर फिसल गया और सीढि़यों से गिर गए।जैसे ही सीढि़यों से गिरे तो आनन-फानन में क्षेत्रीय लोग व मंदिर संचालक उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सिर में चोट लगने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
मंदिर संचालक पंडित नागेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि स्वामी अरुण आश्रम जी महाराज मूल रूप से कानपुर के दिव्यापुर के रहने वाले थे। बनारस के मठ के संत थे। अक्सर मंदिर पर घुमने के लिए आते थे। यहां आकर फिर बिहारी जी के दर्शन के लिए जाते थे। फिलहाल शव को समाधी दिए जाने के लिए काशी ले जाया जा रहा है। घटना से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
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