खेल-खेल में चली गई बच्चे की जान, तौलिया का एक सिरा रस्सी से फंसाकर दूसरा सिरा गले में बांधा, अचानक फिसल गई कुर्सी...
आटा थाना के उकासा गांव निवासी सुखदेव के एक चार साल की पुत्री ज्योति इससे बड़ा पुत्र ऋभ है। व सबसे बड़ा 11 वर्षीय पुत्र ऋतिक था। कक्षा पांच का छात्र ऋतिक सोमवार अपराह्न तीन बजे घर में कमरे के अंदर खेल रहा था। इस दौरान अन्य दोनों बच्चे व पिता व मां संगीता पशुबाड़े में मवेशियों को पानी पिलाने गए थे।
जागरण संवाददाता, जालौन। अकेले कमरे में खेल रहे 11 साल के बच्चे ने कुर्सी पर चढ़कर तौलिया का एक सिरा रस्सी में फंसा कर दूसरा सिरा गले में बांध लिया। इसी दौरान कुर्सी से वह फिसल कर गिर गया जिससे गले में बंधी तौलिया का फंदा कस जाने से उसकी मौत हो गई। बच्चे की छोटी बहन कमरे में पहुंची तो भाई को फंसा देख उसने मां को बताया। स्वजन ने बच्चे को फंदे से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
आटा थाना के उकासा गांव निवासी सुखदेव के एक चार साल की पुत्री ज्योति, इससे बड़ा पुत्र ऋभ है। व सबसे बड़ा 11 वर्षीय पुत्र ऋतिक था। कक्षा पांच का छात्र ऋतिक सोमवार अपराह्न तीन बजे घर में कमरे के अंदर खेल रहा था। इस दौरान अन्य दोनों बच्चे व पिता व मां संगीता पशुबाड़े में मवेशियों को पानी पिलाने गए थे।कमरे में खेलने के दौरान ऋतिक ने कपड़ा फैलाने वाली रस्सी को पकड़ने के लिए कुर्सी पर चढ़ गया। झूलने के लिए तौलिया का एक सिरा रस्सी में फंसा दिया। दूसरा सिरा उसने अपने गले में फंसा लिया। इसी दौरान अनियंत्रित होकर बच्चा कुर्सी से नीचे गिर गया जिससे गले का फंदा कस जाने से उसकी मौत हो गई। कुछ देर बाद बहन ज्योति कमरे में पहुंची तो वहां भइया को तौलिया में फंसा बेहोश हालत में देखा तो मां को आवाज देते हुए भागी।
माता-पिता पहुंचे और बच्चे को फंदे से छुड़ाया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पिता ने बताया कि वह लोग पशुओं को पानी पिलाने नीचे गए थे। कमरे में उनका 11 वर्षीय पुत्र अकेले खेल रहा था, इसी दौरान तौलिया उसके गले में फंस गई जिससे उसकी मौत हो गई। स्वजन ने पुलिस को सूचना दिए बिना बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। आटा थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें इस तरह की घटना की कोई सूचना नहीं दी गई है।
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