ब्रांच मैनेजर ने फोन पर दी खबर- जल्दी से आ जाओ! बैंक पहुंचते ही शख्स के उड़ गए होश, हो चुका था 81 लाख रुपये का ‘खेल’
जालौन में स्टेट बैंक की शहर शाखा से एक बैंक खाता धारक का लॉकर खोल कर उससे 81 लाख रुपये कीमत के जेवर चोरी हो गए। खाता धारक ने बैंक मैनेजर और दो अन्य कर्मियों पर आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बैंक के कैमरों की फुटेज देखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह चोरी का मामला नहीं है।
यह है पूरा मामला
शहर के मोहल्ला गांधी नगर निवासी अधिवक्ता आनंद स्वरूप श्रीवास्तव ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उनका शहर शाखा स्टेट बैंक में लॉकर नंबर 29जी का वर्ष 1980 से संचालन हो रहा है, जिसमें उनके पुश्तैनी सोने व चांदी के तीन डिब्बों में जेवरात रखे हुए थे।कर्मचारियों पर लगाया आरोप
पीड़ित आनंद स्वरूप श्रीवास्तव ने कहा कि जब वह अगस्त में लॉकर देखने गए थे तो वहां पर प्रणय श्रीवास्तव, मैनेजर अंकित तिवारी व अन्य सहकर्मी भी थे। बैंक से जाने के बाद मैनेजर अंकित तिवारी व प्रणय श्रीवास्तव आदि सभी सहकर्मियों ने ही बैंक के लॉकर की चाबी मिलवाकर 81 लाख रुपये के कीमती जेवरात चोरी कर लिए हैं।हाई सिक्योरिटी के बाद भी जेवरात गायब
स्टेट बैंक सिटी शाखा में हाई सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सिक्योरिटी गार्ड रात-दिन तैनात रहते हैं और प्रतिदिन लॉकर हाउस को मैनेजर अंकित तिवारी के साथ सभी जिम्मेदार अधिकारी लॉकर चेक करके बैंक बंद करते हैं। इसके बाद उनके जेवरात चोरी हो गए और बैंक कर्मचारी मामले को दबा रहे हैं।ब्रांच का लॉकर प्रॉपर बंद नहीं किया था। अन्य कस्टमर लॉकर वाले कक्ष में जाते रहते हैं। लॉकर की एक चाबी उपभोक्ता के पास और दूसरी बैंक में रहती है। दोनों चाबियां मिलने के बाद लॉकर खुलता है। उपभोक्ता स्वयं उसको ऑपरेट करके बंद कर चला जाता है। साथ ही उपभोक्ता अलग से भी ताला डाल देते हैं।
-अमर पाल, रीजनल मैनेजर, अकबरपुर कानपुर देहात।
पूरे बैंक में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। साथ ही लॉकर कक्ष के बाहर भी कैमरे लगे हैं। आगे की जांच के लिए फुटेज देखे जाएंगे। अभी बैंक की ओर से पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है।
-अंकित तिवारी, मैनेजर।
बैंक की ओर से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली थी, पीड़ित पक्ष की ओर से मिली लिखित तहरीर के आधार पर मामले की जांच कराई जा रही है, यह चोरी का मामला नहीं है, धोखाधड़ी करके जेवर निकाले गए हैं, बैंक के जिम्मेदार बताएं कि लॉकर से जेवर कहां गए, इसकी गहन जांच कराई जाएगी।
-डाॅ. दुर्गेश कुमार, पुलिस अधीक्षक जालौन।