अंग्रेजों के जमाने का बदला जा रहा पैनल कक्ष
जागरण संवाददाता उरई झांसी-कानपुर रेलखंड के उरई यार्ड में दोहरीकरण के दौरान अ
जागरण संवाददाता, उरई : झांसी-कानपुर रेलखंड के उरई यार्ड में दोहरीकरण के दौरान अंग्रेजों के जमाने से चली रही मशीनरी को अब बदलना शुरू कर दिया गया है। नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग भी शुरू कर दिया है। जिससे ट्रेन संचालन में किसी तरह की रुकावट न हो सके। साथ ही इसके लिए स्टेशन अधीक्षकों को ट्रेनिग भी दी जाएगी।
हाईटेक दौर में अब सब कुछ कम समय में बेहतर क्वालिटी लोगों को मिल सके। इसके मद्देनजर रेलवे ने भी अपनी कार्य प्रणाली अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा को बदलना शुरू कर दिया है। पहले जहां 10 क्विंटल अधिक भार वाली चाभी मशीनरी का प्रयोग पैनल कक्ष में किया जाता था। वहीं अब एक किलो भार का बना दिया है। समय की मार को देखते रेलवे ने पूरी टेक्नोलॉजी को अब बदल कर रख दिया है। प्लेटफार्म तीन से पांच में होगा कन्वर्ट
दोहरीकरण के दौरान तेजी से सभी चीजों में बदलाव किया जा रहा है। पहले जहां तीन प्लेट फार्म पर संचालन किया जा रहा था। वहीं अब जल्द ही पांच लाइन उरई स्टेशन पर बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रेनों के ठहराव से लेकर रफ्तार भरने तक सुविधा पर जोर दिया जा रहा है। जिससे सभी समस्याओं का निवारण हो सके।
फैलुअर एक्सेल काउंटर भी बना
बरसात के समय अक्सर सिग्नल फेल होने की संभावना बनी रहती है। उसको लेकर फैलुअर एक्सेल काउंटर अलग से बनाया जा रहा है। जिससे ट्रैक पर पानी भी आ जाएगा तो सिग्नल फेल न हो सकता है। यह बरसात के समय बहुत ज्यादा होता था। लेकिन अब इस समस्या से निजात मिल जाएगा। साथ ही ट्रेन की गति पर विराम नहीं लग पाएगा।
ईआई का लेटेस्ट सिग्नल स्थापित
इआई ( इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिग) में लेटेस्ट सिग्नल उरई में स्थापित कराया गया है। जिससे किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो सके। साथ ही उच्च तकनीकी का यह मशीन अन्य स्टेशन से बेहतर स्थापित कराया जा रहा है।
एक क्लिक बदलेगा सफेद, नीला व रेड
पहले जहां पुराने पैनल पर काम किया जाता था। वहीं अब इसे पैनल को डिस्पले में ढाल दिया गया है। अब कम्प्यूटर पर ही सभी ऑपरेटिग सिस्टम को ढाल दिया गया है। अब सिग्नल देने के लिए सफेट, नीला व रेड वाले डिस्प्ले पर एक क्लिक करते ही रन करने लगेगा।
अभी पुराने पैनल पर काम किया जा रहा है। दो से तीन दिन के अंदर ट्रेनिग मिलने वाली है। नई टेक्नोलॉजी से अंग्रेजी सिस्टम को छोड़ मेक इन इंडिया का सपना पूरा होते दिखाई दे रहा है।
एपी वर्मा, स्टेशन अधीक्षक, उरई