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    उपद्रवियों को संरक्षण देने पर पुलिस ने उरई पालिकाध्यक्ष के बेटे भेजा नोटिस, राजनीतिक गलियारों में हड़कंप

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 03:25 PM (IST)

    जालौन के कालपी बस स्टैंड पर महिलाओं का वीडियो बनाने के मामले में उरई नगरपालिका अध्यक्ष के बेटे विजय चौधरी पर आरोपितों को बचाने का आरोप लगा है। पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। विजय चौधरी ने आरोपों को नकारा है पर पुलिस जांच जारी है और 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

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    उपद्रवियों को संरक्षण देने में पुलिस प्रशासन ने उरई पालिकाध्यक्ष के बेटे को दिया नोटिस। जागरण

    जागरण संवाददाता, जालौन । बीते शुक्रवार की रात को शहर के कालपी बस स्टैंड पर दो मुस्लिम युवकों की ओर से अपने 40-50 साथियों के साथ महिलाओं का वीडियो बनाने और विरोध पर दुकानदार को पीट कर लूटपाट करने के मामले अब आरोपितों को संरक्षण देकर बचाने उरई नगरपालिका अध्यक्ष गिरजा चौधरी के पुत्र विजय चौधरी का नाम सामने आया है।

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    पुलिस प्रशासन की ओर से पालिका अध्यक्ष के पुत्र को स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर एक सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में उपद्रवियों से जुड़ी कुंडली खंगाली कर आरोपितों को बचाने वालों के खिलाफ भी अब सख्ती शुरू हो चुकी है।

    अभी तक मुख्य आरोपित माजिद खां व शादाब उर्फ उस्ताद सहित दस को जेल भेजा जा चुका है। इस मामले में विजय चौधरी का कहना है कि हमने आरोपितों की कोई मदद नहीं की है, हमारे ऊपर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं।

    शहर के कालपी बस स्टैंड पर उपद्रव करने के मामले में शुक्रवार को ही पांच आरोपित गिरफ्तार हो गए थे। मुख्य आरोपित माजिद खां घटना के बाद से फरार था। इस घटना से शहर की शांति व्यवस्था खराब हो गई थी। हालात संभालने के लिए मुख्य आरोपित की तलाश में पुलिस टीमें जुटी थीं। इधर कुछ राजनीतिक से जुड़े लोग उसको संरक्षण देने में लगे थे। जिस कारण मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी चार दिन बाद हो सकी थी।

    आरोपित को बचाने में लगे कई लोग

    सर्विलांस और खूफिया पुलिस की जांच से पता चला कि आरोपित को बचाने में कई लोग लगे हैं। पुलिस प्रशासन ने जब माजिद खां से जुड़े लोगों की कुंडली खंगाली तो उसमें घटना के बाद से सबसे अधिक संरक्षण देने में नगर पालिका चेयरमैन गिरजा चौधरी के बेटे विजय चौधरी का नाम सामने आया था। वह लगातार फरार आरोपित माजिद को संरक्षण देने के साथ उसका बचाव कर रहे थे।

    एसपी डा. दुर्गेश कुमार की ओर से गुरुवार को इस मामले में उरई पालिका अध्यक्ष के पुत्र विजय चौधरी को नोटिस जारी कर अपना स्पष्टीकरण सात दिन के अंदर एसपी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। संतोषजनक जवाब न पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी पुलिस विभाग कार्रवाई करेगा।

    काली कमाई में हिस्सेदारी से जुड़े हैं तार 

    सट्टा व जुआ का कारोबार शहर में एक साल पहले तक खूब फलफूल रहा था। जिसमें माफिया ने करोड़ों की संपत्ति बना ली। इस पैसे की काली कमाई में कई राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को भी हिस्सा लगता रहा है। पालिका अध्यक्ष के बेटे विजय चौधरी का नाम भी आरोपितों को बचाने व संरक्षण देने वालों की सूची में सामने आया है। इसी कारण उपद्रव की घटना के बाद से विजय चौधरी मुख्य आरोपित के लगातार संपर्क में थे और पैरवी के लिए शहर से लेकर लखनऊ तक के संपर्क में लगे होने के साक्ष्य पुलिस को मिले हैं।

    अब तक 10 को भेजा जेल 

    उवद्रव की घटना में पुलिस ने अब तक 10 लोगों को जेल भेज दिया है। साथ ही अन्य लोगों की लगातार वीडियो के माध्यम से पहचान की जा रही है। जिसके अन्य आरोपितों को जेल भेजा जा सके। अब तक पुलिस ने शादाब खां, मकसूद बेग, आफताब उर्फ मुन्ना, मेराज, दिलशाद, शादाब उर्फ उस्ताद, माजिद खां, जुबेर, कादिर, जावेद शामिल हैं।

    उपद्रव के आरोपितों को बचाने में उनका कोई हाथ नहीं है, उनकी ओर से ऐसा कोई काम नहीं किया गया है, आरोपित के रिश्तेदारों से संपर्क जरूर हुआ था और बात भी हुई थी, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की है। -विजय चौधरी, चेयरमैन प्रतिनिधि

    आरोपितों के संरक्षण में संलिप्तता होने के कारण चेयरमैन के बेटे को नोटिस दी गई है। घटना में अब तक कुल 10 लोगों को जेल भेजा गया है। अन्य की पहचान कराई जा रही है। -प्रदीप कुमार वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक

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