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नेपियर घास के मंत्र से मिला समृद्धि का तंत्र

विमल पांडेय उरई कोंच तहसील में नदी गांव पशु चिकित्सा केंद्र के प्रभारी एसके सचान ने बुंदेलखंड के पशुओं की चारा समस्या निस्तारण को लेकर थाईलैंड की नेपियर घास उगाने की शुरुआत की। अब कई किसान उनसे प्रेरित होकर उत्पादन कर रहे हैं। करीब 20 एकड़ में नेपियर घास उगाई जा रही है। इसको एक बार बोने के बाद पांच साल तक काटा जाता है। नेपियर घास पशुओं के लिए बेहतर पोषक तत्व के साथ अच्छेदुग्ध उत्पादन में भी सहायक होगी।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 03 Jul 2021 07:38 PM (IST)
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नेपियर घास के मंत्र से मिला समृद्धि का तंत्र

केस-एक

कोंच क्षेत्र के महतवानी गांव निवासी किसान अनिल कुमार वर्ष भर पशुओं के चारे के लिए परेशान रहते थे। पशु चिकित्सा केंद्र नदी गांव की सलाह पर थाईलैंड की नेपियर घास उगाई। दो एकड़ में तैयार किए गए चारे से अब वह पशुओं के चारे का प्रबंध तो करते ही हैं, साथ में इसे नकदी फसल के रूप में बेचते भी हैं। प्रति एकड़ पांच लाख रुपये तक कमाते हैं। केस-दो

सलैया के लल्ला सिंह ने हरे चारे के प्रबंध के लिए नेपियर घास उगाई। एक वर्ष में ही यह उनके लिए मुनाफे की फसल बन गई। सौ रुपये प्रति क्विंटल कमा रहे हैं। उन्हें अपने पशुओं के लिए हरा चारा मिला, जबकि बिक्री करने से नकदी। दोहरे मुनाफे से वह खुश हैं। अच्छा कदम

- जिले के पशु चिकित्सक डा. एसके सचान का अनूठा प्रयोग

- चारे की समस्या से निपटने के लिए 20 एकड़ में लगवाई घास विमल पांडेय, उरई :

कोंच तहसील में नदी गांव पशु चिकित्सा केंद्र के प्रभारी एसके सचान ने बुंदेलखंड के पशुओं की चारा समस्या निस्तारण को लेकर थाईलैंड की नेपियर घास उगाने की शुरुआत की। अब कई किसान उनसे प्रेरित होकर उत्पादन कर रहे हैं। करीब 20 एकड़ में नेपियर घास उगाई जा रही है। इसको एक बार बोने के बाद पांच साल तक काटा जाता है। नेपियर घास पशुओं के लिए बेहतर पोषक तत्व के साथ अच्छेदुग्ध उत्पादन में भी सहायक होगी। प्रति एकड़ 40 हजार खर्च, बढ़ती आमदनी

घास उत्पादन में प्रति एकड़ 40 हजार का खर्च आएगा, जिससे आमदनी बढ़ेगी। डा. सचान बताते हैं, नेपियर दुनिया के सबसे अच्छे हरे चारे में से एक है। एक बार नेपियर घास की रोपाई छह साल तक चलती है। प्रति एकड़ पांच कटाई मिलती हैं। उत्पादन पांच से आठ हजार क्विंटल प्रति एकड़ है। नेपियर हरे चारे में 22 फीसद सूखा पदार्थ होता है, जबकि अन्य हरे चारे में यह महज 10-15 फीसद रहता है। पशुपालकों को हरे चारे की सबसे ज्यादा परेशानी होती है। बरसीम, मक्का, ज्वार जैसी फसलों से तीन-चार माह तक ही हरा चारा मिलता है। ऐसे में पशुपालक नेपियर घास लगाकर चार-पांच साल तक हरा चारा पा सकते हैं।

फरवरी से नवंबर के बीच कर सकते रोपाई

नेपियर घास की रोपाई करने का सही समय फरवरी से नवंबर माह तक रहता है। यह घास 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है।

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