सर्दी में बढ़ा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, रोजाना आ रहे 20 मरीज
जागरण संवाददाता उरई ब्रेन स्ट्रोक मनुष्य को कोमा तक पहुंचाने वाली खतरनाक बीमारी। इसका
जागरण संवाददाता, उरई : ब्रेन स्ट्रोक मनुष्य को कोमा तक पहुंचाने वाली खतरनाक बीमारी। इसका दूसरा एवं बिगड़ा स्वरूप लकवा होता है। मौसम की मुश्किलों के बीच इस बीमारी ने चुपके से पांव फैला लिया है। अस्पतालों में अचानक से मरीजों की तादाद में तेजी से वृद्धि हो ेरही है। ऐसे रोगियों में कोरोना वायरस से अधिक खतरा है।
अस्पतालों में अचानक से मरीजों की तादाद में वृद्धि हुई है। एक आंकड़े के मुताबिक जिले में हर रोज 20 लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। बीमारों में बुजुर्ग, मधुमेह, हृदय रोगियों की तादाद ज्यादा है। जिला अस्पताल की डॉ. श्वेता ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को हर समय मास्क और शारीरिक दूरी का विशेष पालन करना होगा। नहीं तो कोरोना हो गया तो मरीज को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
यह है ब्रेन स्ट्रोक :
सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन में खून का थक्का (क्लाटिग) जम जाने को ही ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। खून का थक्का जमने के बाद दिमाग को आक्सीजन एवं ब्लड की आपूर्ति न मिलने पर व्यक्ति को लकवा भी मार जाता है।
सतर्कता ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार :
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। खान-पान में बदलाव लाना चाहिए। चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। घरों में ही योग प्रणायाम करें। टहलने की आदत को दिनचर्या में शामिल करें। तड़के टहलने के बजाए धूप निकलने का इंतजार करें।
यह परेशानी होने पर लें डॉक्टर की सलाह :
सिर में तेज दर्द, आवाज में बदलाव, हाथ-पैर सुन्न होना, आंखों की रोशनी में परेशानी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। कोरोना भी इसका एक बड़ा कारण है। लकवा के सौ मरीजों में 40 की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। इसलिए कोरोना से बचाव बेहद जरूरी है। इसमें थ्रंबोलेसिस थेरेपी खून का थक्का जमने पर शीघ्रता की जाए तो अंदर बचाव का अचूक उपाय हो सकता है।