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UP Weather Update: किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि; प्रशासन अलर्ट

मौसम के बदलाव ने एक बार फिर किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। मंगलवार को हल्की बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि कोंच जालौन डकोर ब्लाक क्षेत्र में आंशिक ओलावृष्टि हुई है। जबकि कुठौंद क्षेत्र में काफी ओले गिरना बताया जा रहा है। तेज गति से चली हवा ने जरूर खेतों में खड़ी फसल को कई जगहों पर बिछा दिया।

By dhananjay trivedi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 20 Feb 2024 08:15 PM (IST)
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किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि; प्रशासन अलर्ट
जागरण संवाददाता, उरई। मौसम के बदलाव ने एक बार फिर किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। मंगलवार को दोपहर में हल्की बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि कोंच, जालौन, डकोर ब्लाक क्षेत्र में आंशिक ओलावृष्टि हुई है। जबकि कुठौंद क्षेत्र में काफी ओले गिरना बताया जा रहा है। तेज गति से चली हवा ने जरूर खेतों में खड़ी फसल को कई जगहों पर बिछा दिया।

जिला प्रशासन ओले गिरने के बाद तुरंत अलर्ट मोड पर आ गया है। नुकसान कितना हुआ है यह तो सर्वे के बाद ही साफ हो सकेगा।  इस बार जिले में रबी की फसल काफी अच्छी है। मौसम ने पहले किसानों का पूरा साथ दिया। मटर की फसल बहुत से किसानों के घर पहुंच भी चुकी है और तमाम किसानों की अभी खेत में ही है।

तेज हवा के साथ बारिश

गेहूं, चना, मसूर, सरसों की फसल खेतों पर ही खड़ी है। अच्छी फसल को देखकर किसानों ने तमाम अरमान संजोए थे लेकिन मंगलवार को मौसम के बदलाव ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सुबह तेज धूप थी और लग ही नहीं रहा था कि मौसम बदल सकता है लेकिन दोपहर बाद अचानक आसमान पर काले व भूरे रंग के बादल छाने लगे। इसके साथ ही तेज गति से हवा भी चलने लगी।

कुछ ही देर में हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि होने लगी। शहर में सड़कें ओलों से सफेद नजर आ रही थीं। अचानक ओले गिरने से फुटपाथ में दुकानें लगाने वालों में भगदड़ सी मच गई। जितना सामान समेट सकते थे उतना ही लेकर सुरक्षित स्थान पर खड़े हो गए।

मटर व चना की फसल को अधिक नुकसान

जिले में कुठौंद विकासखंड क्षेत्र में काफी ओलावृष्टि बताई जा रही है। वहीं जालौन, कोंच, डकोर ब्लाक के आंशिक क्षेत्र में ही हल्की ओलावृष्टि की बात सामने आई है। जिले में जहां भी ओले गिरे हैं वहां पर फसल को नुकसान होने की संभावना है। हालांकि नुकसान कितना हुआ है यह सर्वे के बाद ही पता चल सकेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि मटर, चना, सरसों, मसूर की फसल को अधिक नुकसान है। जहां पर गेहूं की फसल में बाली आ गई है उसको नुकसान है।

जिला प्रशासन ने तहसीलों से मांगी सर्वे रिपोर्ट

ओले गिरने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि फसल के नुकसान को प्रतिशत में उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा अगर कहीं कोई जनहानि, पशुहानि हुई है तो उसका भी जिक्र रिपोर्ट में किया जाए। साथ ही किसी का मकान आदि क्षतिग्रस्त हुआ है तो उसके बारे में भी जानकारी दी जाए। अपर जिलाधिकारी के निर्देश मिलने के बाद अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए हैं।

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