UP News: जौनपुर में मिलावटखोरों पर चला प्रशासन का डंडा, एक करोड़ 12 लाख का जुर्माना
तमाम सख्ती के बाद कुछ दुकानदार खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से नगर समेत कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों दूध खोवा अचार दाल मसाला तेल व समोसा सहित अन्य खाद्य पदार्थों का 1587 नमूना संग्रहित किया जिसमे 373 मानकों की कसौटी पर खरे नहीं मिले। दुकानदारों पर एक करोड़ बारह लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने पर प्रशासन की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है। बीते दो वर्षों में जांच के दौरान 373 खाद्य पदार्थ मानकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरे। इसे लेकर दुकानदारों पर एक करोड़ 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही 244 मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस बार फिर त्योहार को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से अतिरिक्त टीमों का गठन कर दुकानों पर छापेमारी की जा रही है।
तमाम सख्ती के बाद कुछ दुकानदार खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से नगर समेत कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों दूध, खोवा, अचार, दाल, मसाला, तेल व समोसा सहित अन्य खाद्य पदार्थों का 1587 नमूना संग्रहित किया, जिसमे 373 मानकों की कसौटी पर खरे नहीं मिले। पूर्व में चेतावानी के बाद भी सुधार नहीं मिलने पर दुकानदारों पर एक करोड़ बारह लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाए जाने के साथ ही 244 के खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दाखिल किया गया।
एक ही तेल का बार-बार करते हैं उपयोग
अधिकांश दुकानदार खाद्य तेल का उपयोग बदले बिना बार-बार करते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके लिए दुकानदारों को जागरुक करने का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। कार्रवाई के दायरे में इसे भी शामिल किया गया।त्योहार को देखते हुए अतरिक्त टीम का गठन
दीपावली के त्योहार पर मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिए अतरिक्त टीम का गठन किया गय है। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से छापेमारी की जा रही है। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र की ओर से निर्देशित किया गया है कि दुकानों में छापेमारी के दौरान बाट-बाप अधिकारी के अलावा एसडीएम भी मौजूद रहें।
बता दें, खाद्य पदार्थों में मिलावट करने और नकली दवाएं बनाने वालों पर अब और शिकंजा कसा जा सकेगा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग जांच में तीन गुणा की बढ़ोतरी करने जा रहा है। 12 मंडलों में नई प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं और इनके शुरू होते ही दवाओं व खाद्य पदार्थों के प्रति वर्ष 1.08 लाख नमूने जांचे जा सकेंगे। अभी प्रतिवर्ष 30 हजार नमूने जांचे जाने की व्यवस्था है। इन नई प्रयोगशालाओं के बनने से प्रत्येक मंडल में एक प्रयोगशाला होगी।मिलावट करने वाले दुकानदारों पर सख्ती की जा रही है। कइयों पर एक करोड़ बारह लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। खाद्य पदार्थ के दुकानदारों से अपील है कि वह महज फायदे के लिए किसी की सेहत से खिलवाड़ न करें।- देवाशीय उपाध्याय, सहायक खाद्य आयुक्त, द्वितीय।
प्रदेश में अभी लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गोरखपुर और झांसी में एक-एक प्रयोगशाला है। बाकी 12 मंडलों में अभी प्रयोगशाला नहीं है। ऐसे में जांच के लिए जिलों से खाद्य निरीक्षकों व औषधि निरीक्षकों द्वारा भेजे जाने वाले नमूनों की जांच में समय लगता है। कई बार खाद्य पदार्थों के नमूने जांच में देरी की वजह से खराब भी हो जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा और जांच का दायरा बढ़ने से मिलावटखोरों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
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