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पुरखों ने दलितों की उपेक्षा की, वंशजों से बेहतरी की उम्मीद नहीं, जौनपुर में विपक्ष पर बरसीं मायावती

बसपा सुप्रीमो व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कहने को तो बक्शा क्षेत्र के सवंसा गांव में मंगलवार को जौनपुर की दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा करने पहुंची थीं लेकिन वह यहां से चार जिलों के समीकरण को साध गईं। अपने काडर वोट दलितों के साथ ही मुस्लिमों को सुरक्षा देने की बात कह उन्हें अपनी तरफ करने कोशिश भी कीं।

By Amardeep Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 22 May 2024 08:25 AM (IST)
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मायावती ने जौनपुर से चार जिलों की रैली कर साधा समीकरण

जागरण संवाददाता, जौनपुर। बसपा सुप्रीमो व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कहने को तो बक्शा क्षेत्र के सवंसा गांव में मंगलवार को जौनपुर की दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा करने पहुंची थीं, लेकिन वह यहां से चार जिलों के समीकरण को साध गईं।

मंच पर जौनपुर के बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव व मछलीशहर (सुरक्षित) सीट के प्रत्याशी कृपाशंकर सरोज के अलावा वाराणसी के प्रत्याशी अतहर जमाल लारी व चंदौली से सत्येंद्र मौर्य भी मौजूद रहे। अपने काडर वोट दलितों के साथ ही मुस्लिमों को सुरक्षा देने की बात कह उन्हें अपनी तरफ करने कोशिश भी कीं।

मंच संभालते ही कार्यकर्ताओं में जोश तो भरते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी यह चुनाव अकेले व दमदारी के साथ लड़ रही है। अपने संबोधन में वह महज दलितों तक ही केंद्रित नहीं रहीं, बल्कि मुस्लिमों का कई बार जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सहित जिन-जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकार है वहां मुस्लिम हाशिए पर हैं। इस दौरान विपक्षियों के घोषणा पत्र को भी उन्होंने झूठ का पुलिंदा बताया।

कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस इनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। गरीबों, दलितों व अल्पसंख्यकों को विकास का सपना दिखाते हुए उनके हक को भी सुरक्षित रखने की बात कही। हालांकि एक मंच से चार जिलों की साधने वाली इस रैली का बसपा को कितना फायदा होगा यह आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।

कार्यकर्ताओं से हुई पुलिस कर्मियों की बहस

संवाद सूत्र, जागरण, नौपेड़वां (जौनपुर)। मायावती की जनसभा के दौरान बसपा कार्यकर्ता उमस व गर्मी की परवाह किए बिना टेंट में जगह न पाकर सभास्थल के पश्चिम की तरफ जाने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस कर्मी उन्हें रोकने का प्रयास किए तो वह नहीं माने। इससे कार्यकर्ताओं से सुरक्षा कर्मियों की बहस भी हुई।

हेलीकॉप्टर देखने की रही होड़

कार्यक्रम स्थल से हेलीपैड कुछ ही दूरी पर बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जब कार्यक्रम समाप्त कर जाने लगीं तो हेलीकॉप्टर देखने के लिए होड़ लग गई। बैरिकेडिंग के पास मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया।

हाइवे पर डेढ़ घंटे लगा रहा जाम

जनसभा समाप्त होने के बाद वाराणसी- लखनऊ मार्ग पर तकरीबन डेढ़ घंटे जाम लगा रहा। दोनों पटरियों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। सभास्थल के पास बसों के चालकों द्वारा बसों को जल्दी निकालने एवं भारी भीड़ की वजह से बाइक सवारों का भी निकलना मुश्किल रहा।

पुलिसकर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद यातायात सामान्य हो सका। मंच पर बसपा जिलाध्यक्ष संग्राम भारती, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभावती पाल, दिनेश टंडन, लालजी यादव, संतोष अग्रहरि सहित अन्य मौजूद रहे। संचालन वाराणसी मंडल कोआर्डिनेटर रामचंद्र गौतम ने किया।

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