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Jaunpur News: अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, आरोपित गिरफ्तार, दस साल से चलाता था अवैध धंधा

आरोपित अशरफ अली लगभग दस साल से सिमबाक्स पर इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय काल्स को इंटरनेशनल गेटवे बाईपास कराकर लैंड कराता था। इससे इंटरनेट काल नार्मल वायस काल्स में परिवर्तित हो जाती है। काल प्राप्त करने वाले को काल करने वाले व्यक्ति के नंबर के स्थान पर सिमबाक्स में लगे सिमकार्ड का नंबर प्रदर्शित होता है जिससे कालर की पहचान नहीं हो पाती।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:36 AM (IST)
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दुल्लीपुर गांव में एटीएस की छापेमारी के दौरान बरामद अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने के उपकरण। स्रोत - पुलिस

 संवाद सहयोगी, जागरण, जौनपुर। एंटी टेररिस्ट सेल (एटीएस) की टीम ने मंगलवार की सुबह बक्शा के दुल्लीपुर में छापेमारी कर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया। राष्ट्र की सुरक्षा में सेंधमार लगाने व राजस्व की क्षति पहुंचाने के आरोपित अशरफ अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

घर में ही एक्सचेंज संचालित करने के उपकरण बरामद हुए। यह लगभग दस साल से अवैध धंधा कर रहा था। एटीएस को कई दिनों से जिले में इंटरनेशनल गेट-वे को बाईपास कर विदेश खास तौर पर मिडिल ईस्ट के देशों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय काल्स को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से लोकल काल्स में परिवर्तित करने की सूचना मिल रही थी।

बाईपास करने के कारण कालर की पहचान करना संभव नहीं होता। इसके चलते रेडिक्लाइजेशन, हवाला, टेरर फंडिंग की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही राजस्व की क्षति भी होती है। एटीएस की फील्ड इकाई वाराणसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इलेक्ट्रानिक्स सर्विलांस के माध्यम से बक्शा क्षेत्र के दुल्लीपुर में संचालित होना चिह्नित किया।

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पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा ने बताया कि स्थानीय पुलिस को साथ लेकर एटीएस की वाराणसी की फील्ड इकाई ने दुल्लीपुर निवासी अशरफ अली के घर दबिश दी। उसके घर की छत से अवैध एक्सचेंज संचालित करने में प्रयुक्त एक-एक सिमबाक्स, एडाप्टर, फोर-जी राउटर, लैपटाप, पांच मोबाइल व 64 प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड बरामद हुए।

पूछताछ में आरोपित अशरफ अली ने कुबूल किया कि मुंबई में 1997 से 2012 तक रहकर वह फेरी लगाकर कपड़े बेचता था। वहीं उसकी मुलाकात भिवंडी निवासी जहांगीर से हुई। जहांगीर ने उसे सऊदी अरब में रहने वाले मोहम्मद अली से संपर्क कराया।

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मोहम्मद अली ने अशरफ को बताया कि इंटरनेट, लैपटाप व कमरे की व्यवस्था कर वह घर बैठे अवैध एक्सचेंज चलाकर पैसे कमा सकता है। मोहम्मद अली अशरफ को कोरियर के माध्यम से सिमबाक्स से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराए।

एनीडेस्क साफ्टवेयर के माध्यम से कानफिगर किया गया। मोहम्मद अली अवैध एक्सचेंज से होने वाली कमाई को उसके बैंक खाते में भेजता था। कभी-कभी किसी स्थानीय व्यक्ति के माध्यम से नकद पैसे भी भेजता था। इस तरह से अवैध एक्सचेंज संचालित करने से उसे लगभग महीने में एक लाख की कमाई होती थी।

बक्शा थाने में मुकदमा दर्ज कुछ अन्य पर पैनी नजर

एटीएस ने गिरफ्तार आरोपित अशरफ के विरुद्ध बक्शा थाने में धोखाधड़ी, संगठित अपराध, भारतीय टेलीग्राफ व भारतीय वायरलेस एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया है। बड़ी संख्या में प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड रिटेलर्स व गिरोह में शामिल अन्य सदस्य भी एटीएस के राडार पर हैं। चिह्नित कर इनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

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