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सरकारी अस्पताल में नवजात खरीदने की लगी बोली, आशा बहू ने 'डील फाइनल' की तो मचा हंगामा… मामला बेहद गंभीर

जौनपुर के करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक 15 वर्षीय किशोरी का गुपचुप तरीके से प्रसव कराया गया और बच्ची को 10 हजार रुपये में बेच दिया गया। मामला उजागर होने पर अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और बच्ची को वापस लाया गया। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 29 Oct 2024 03:40 AM (IST)
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मामला उजागर होते ही अधिकारियों के हस्तक्षेप पर बच्ची को वापस लाया गया।
संवाद सहयोगी, जौनपुर। करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक किशोरी का बिना किसी आधिकारिक रजिस्ट्रेशन के प्रसव कराया गया और बच्ची को दस हजार रुपये में बेच दिया गया। मामला उजागर होते ही अधिकारियों के हस्तक्षेप पर बच्ची को वापस लाया गया।

यह है पूरा मामला

खुटहन क्षेत्र के एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी को गुपचुप तरीके से शनिवार को प्रसव के लिए करंजाकला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। रविवार को सुबह उसने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद अस्पताल की स्टाफ नर्स ने परिजनों से चार हजार रुपये की मांग की। पैसे का इंतजाम न कर पाने पर किशोरी के परिजनों ने बच्ची को बेचने का विकल्प चुना। 

एक आशा बहू कार्यकर्ता के जरिए बच्ची को दुधौड़ा गांव के एक व्यक्ति के हाथों दस हजार रुपये में बेच दिया गया। अस्पताल में इस दौरान कई लोग खरीदार के रूप में भी पहुंचे थे। ऐसे में बच्ची के न मिलने पर इन्होंने शोर मचाया। बच्ची के बिकने की बात सामने आने पर स्थानीय लोगों ने भी शोर मचाया, जिससे मामला अधिकारियों तक पहुंचा। 

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आनंद प्रकाश ने इस संबंध में पुलिस को सूचित किया। इसके बाद बच्ची को रात में फिर से वापस मंगवाया गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। मेरी जानकारी में आते ही थानाध्यक्ष को लिखित सूचना भेजी गई। 

स्टाफ नर्स और अन्य जिम्मेदारों से यह पूछताछ की जा रही है कि बिना रजिस्टर में दर्ज किए प्रसव कैसे कराया गया और बच्ची का सौदा क्यों हुआ। हम इस लापरवाही को गंभीरता से लेकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

नाबालिग के प्रसव की जानकारी मिली। दारोगा को छानबीन के लिए अस्पताल भेजा गया था। अब आगे विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल बच्ची को बेचने की जानकारी नहीं है।

-मनोज कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक सरायख्वाजा।

परिजनों ने स्वीकारी बच्ची को बेचने की बात

किशोरी के परिजनों ने भी आर्थिक तंगी व सामाजिक दबाव के कारण बच्ची को बेचने की बात स्वीकार की। किशोरी अविवाहित है, जिससे यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने इस मामले की पूरी जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी व पुलिस विभाग को दे दी है।

अस्पताल में अवैध रूप से नाबालिग का प्रसव कराना घोर अपराध है। नवजात अपनी मां के पास वापस आ गई है। इस गंभीर मामले में अधीक्षक व स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

-डॉक्टर लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।

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