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UP News: जौनपुर में बोले शंकराचार्य निश्चलानंद, 'शासन के प्रभाव से मुक्त हो देश के मठ-मंदिर'

देश के मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठी है। पूर्वाम्नायगोवर्धनमठ पुरी पीठ (ओडिशा) के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि मठ-मंदिरों का संचालन शंकराचार्यों के मार्गदर्शन में होना चाहिए। उन्होंने राजनीति और धर्म के संबंधों पर भी टिप्पणी की और कहा कि राजनेताओं को पहले राजधर्म का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षा के वशीभूत होकर रामलला को प्रतिष्ठित कर दिया गया।

By Anand Swaroop Chaturvedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 20 Oct 2024 07:30 AM (IST)
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जौनपुर : जिला पंचायत के अतिथि गृह में पत्रकारों से वार्ता करते जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती । जागरण

जागरण संवाददाता, जौनपुर। राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के तहत धर्मसभा के परिप्रेक्ष्य में पूर्वाम्नायगोवर्धनमठ पुरी पीठ (ओडिशा) के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अपने तीन दिवसीय प्रवास पर शनिवार को यहां पहुंचे।

उन्होंने जिला पंचायत के डाक बंगला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि देश के मठ-मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। मठ-मंदिरों का संचालन शंकराचार्यों के मार्ग दर्शन में हो।

राजनीति व धर्म के संबंधों पर उन्होंने कहा कि राजनेता पहले राजनीति की परिभाषा जान लें। उन्हें जब राजधर्म का ज्ञान ही नहीं होगा तो उसका पालन क्या करेंगे। वर्तमान में राजनीति का उल्लेख करते हुए स्वामीजी ने कटाक्ष किया कि महत्वाकांक्षा के वशीभूत होकर रामलला को प्रतिष्ठित कर दिया गया। इसीलिए अयोध्या के लोगों ने ही चुनाव में उन्हें नकार दिया।

जौनपुर : जौनपुर जंक्शन पर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का अभिनंदन करते राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के सदस्य विनीत सिंह । जागरण


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वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजों की कूटनीति उनके जमाने से अधिक स्वतंत्र भारत में देखने को मिल रही है। शायद अंग्रेज भी आज इस पर मुस्करा रहे होंगे। राजनेता शब्द भेदी बाण चलाने में माहिर होते हैं। इसलिए फूट डालो राज करो की राजनीति करते हैं।

आगामी महाकुंभ में वीआइपी कल्चर की व्यवस्था से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि यह नहीं होनी चाहिए। जो व्यवस्था आम जनता के लिए हो वही मुख्यमंत्री के लिए भी होनी चाहिए। आज जिसे आम जनता कहा जाता है उनके और मातृ शक्तियों के बल पर ही धर्म टिका हुआ है।

जौनपुर : जौनपुर जंक्शन पर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का अभिनंदन करते राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के सदस्य । जागरण


शंकराचार्य ने कुछ मामलों को लेकर संतों के बीच मतभेद होने पर कहा कि दर्शन, विज्ञान, व्यवहार व देश, काल, परिस्थिति में जो सामंजस्य रखते हैं उन्हीं की बात प्रभावी होती है। इस मौके पर एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू, वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह, विनीत सिंह, नवीन सिंह, शैलेंद्र सिंह, डा. आलोक सिंह आदि मौजूद रहे।

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स्वामी जी का हुआ भव्य स्वागत

दोपहर में पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन से जौनपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने पर बड़ी संख्या में वहां मौजूद लोगों ने स्वामी जी का भव्य स्वागत किया। स्टेशन से डाक बंगला तक वाहनों के काफिले में पहुंचने के दौरान कोतवाली चौराहा, वाजिदपुर तिराहा आदि स्थानों पर पुष्पवर्षा का भक्तों ने पूर्वाम्नायगोवर्धनमठ पुरी पीठ (ओडिशा) के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का गर्मजोशी से स्वागत किया।

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