जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी लड़ेंगी चुनाव? मैदान में उतरने से झिझक रहे वर्तमान MP; इस वजह से अटकलों को मिल रहा बल
2024 के लोकसभा चुनाव के सियासी महासमर में राजनीतिक दल जुट गए हैं। छोटे-बड़े प्रायः सभी मुद्दों पर सियासत के अवसर तलाशे जाने लगे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कारगर रहे मोदी मैजिक के दौर में भी जौनपुर सीट बसपा-सपा गठबंधन के हाथों गंवाने का दंश भाजपाजनों को पूरे पांच साल तक सालता रहा। यही वजह है कि भाजपा नेतृत्व इस सीट को नाक का सवाल मान लिया है।
जागरण संवाददाता, (जौनपुर)। 2024 के लोकसभा चुनाव के सियासी महासमर में राजनीतिक दल जुट गए हैं। छोटे-बड़े प्रायः सभी मुद्दों पर सियासत के अवसर तलाशे जाने लगे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कारगर रहे मोदी मैजिक के दौर में भी जौनपुर सीट बसपा-सपा गठबंधन के हाथों गंवाने का दंश भाजपाजनों को पूरे पांच साल तक सालता रहा।
यही वजह है कि भाजपा नेतृत्व इस सीट को नाक का सवाल मान लिया है, वहीं यहां एक बार फिर भाजपा के विजय रथ पर लगाम कायम रखने का विपक्ष का मंसूबा है। सपा-कांग्रेस साथ मिलकर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में जुट गई है। वहीं बसपा भी अपनी सीट को बरकरार रखने की जुगत में लगी है।
सीटिंग बसपा सांसद चुनाव लड़ने की जता चुके हैं अनिच्छा
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बुने जा रहे सियासी ताने-बाने के बीच जौनपुर के सीटिंग बसपा सांसद श्याम सिंह यादव चुनाव लड़ने को लेकर अपनी अनिच्छा जता चुके हैं। हालांकि लगे हाथ यह भी कहा था कि यदि कोई पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाना ही चाहेगी तो वह उस प्रस्ताव पर विचार करेंगे। उनका यह रुख उनके चुनाव लड़ने की संभावना को बरकरार रखा है। पिछले चुनाव में उन्होंने सपा - बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था।भाजपा ने कृपाशंकर सिंह पर लगाया दांव
पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की जिन सीटों पर भाजपा को हार का झटका लगा था उसमें जौनपुर लोकसभा सीट भी शामिल थी। यही वजह थी कि भाजपा ने इस सीट पर कब्जा करने के लिए काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं प्रत्याशियों की पहली सूची में इस सीट पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह के नाम की घोषणा भी कर दी गई है। सियासी हल्के में भाजपा की इस घोषणा को विपक्ष पर शुरुआती बढ़त लेने का प्रयास भी माना जा रहा है।
धनंजय के जेल जाने के बाद भी चर्चा तेज
जौनपुर सीट पर अपनी दावेदारी को लेकर चर्चा में रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में जेल जाने के बाद उनको लेकर चर्चा हो रही हैं। पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनके लगाए गए पोस्टर-बैनर को लेकर चर्चाओं को बल मिल रहा है। कोई उनको राहत मिलने व बाहर आकर विपक्षी पार्टी से चुनाव लड़ने की बात कह रहा है तो कोई उनकी पत्नी के मैदान में आने को लेकर चर्चा कर रहा है।इस बार यहां नहीं दिखेगा कांग्रेस का चुनाव चिह्न
इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन में यह सीट सपा के पाले में है। इस सीट पर सर्वाधिक छह बार जीत हासिल करने वाली कांग्रेस का चुनाव निशान इस बार यहां नजर नहीं आएगा। इसकी पुष्टि कांग्रेस जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने किया है।इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले सपा को एक और बड़ा झटका, अब पूर्व प्रदेश सचिव ने समर्थकों समेत पार्टी से दिया इस्तीफा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।