मेडिकल कालेज के निर्माणाधीन परिसर से कर्मचारियों को निकाला
निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज सिद्दीकपुर पर छाया संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को ठेकेदारों ने निर्माण कंपनी पर करोड़ों रुपये बकाया भुकतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए परिसर के अंदर से टाटा प्रोजेक्ट कंपनी के कर्मचारियों को बाहर कर दिया। तमाम प्रयास के बाद भी कर्मचारी अंदर नहीं जा सके। मौके पर मची अफरा-तफरी के बीच निर्माण पूरी तरह ठप हो गया।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कालेज सिद्दीकपुर पर छाया संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को सामान आपूर्तिकर्ता ठेकेदारों ने निर्माण कंपनी टाटा प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये बकाये का भुगतान न करने का आरोप लगाते हुए परिसर के अंदर से कंपनी के कर्मचारियों को बाहर कर दिया। तमाम प्रयास के बाद भी कर्मचारी अंदर नहीं जा सके। मौके पर मची अफरा-तफरी के बीच निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल राजकीय मेडिकल कालेज का निर्माण वर्ष 2015 में 554 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ शुरू हुआ। तत्कालीन सरकार ने निर्माण के लिए 137 करोड़ रुपये जारी करते हुए मेडिकल कालेज की ओपीडी एक वर्ष बाद ही शुरू करने की योजना बनाई। हालांकि यह सफल नहीं हो सका। नोटबंदी के चलते भुगतान में दिक्कत होने लगी, जिसे लेकर कर्मचारियों सहित सामान आपूर्तिकर्ताओं ने कई बार प्रदर्शन किया। यहां ओपीडी के अलावा 27 भवन बनने थे, जिसका काम रोककर सिर्फ ओपीडी बिल्डिग पूरा कराने पर जोर दिया जाने लगा। छह माह पूर्व जिले के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कालेज के नाम की घोषणा के साथ अस्पताल जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया। निर्माण में तेजी के लिए 120 करोड़ रुपये का भुगतान कंपनी को किया गया, जिसमें से अपना बकाया रकम टाटा प्रोजेक्ट कंपनी ने यूपीआरएनएन से वसूल कर लिया है, लेकिन बालू, गिट्टी व ईंट की आपूर्ति में लगे आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान नहीं किया गया। इससे नाराज आपूर्तिकर्ताओं ने सुबह टाटा दफ्तर बंद करवाकर सभी कर्मचारियों को बाहर कर दिया और जो बाहर से अंदर घुस रहे थे उन्हें लौटा दिया गया। ''कंपनी ने सरकार से पैसा ले लिया और आपूर्तिकर्ताओं को नहीं दिया जा रहा है। मेरा खुद एक करोड़ रुपये फंसा है। कई बार कहने के बाद बकाए की अदायगी न होने से यह कदम उठाया गया। अब ठेकेदारों का बकाया मिलने के बाद ही कार्य शुरू होने देंगे।''