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Ration Card: यूपी के बस एक जिले में 25137 आयकरदाता ले रहे थे राशन कार्ड का लाभ, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग करेगा कार्रवाई

जौनपुर में आयकरदाताओं के नाम पर बने राशन कार्डों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जांच में 25137 कार्डधारक आयकरदाता की श्रेणी में पाए गए जिसके बाद 1435 कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा विधवा पेंशन लेने के बाद भी राशन कार्ड से पति का नाम नहीं कटवाने वाले 2460 यूनिट पर भी कार्रवाई की गई है।

By Amardeep Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 05 Oct 2024 01:53 PM (IST)
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राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर। सांकेतिक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, जौनपुर। अपात्रों को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से शुरू की गई जांच में 25137 कार्डधारक आयकरदाता की श्रेणी में मिलने के बाद 1435 कार्ड निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं पति की मौत के बाद राशन कार्ड से नाम न कटवाने वाले 2460 यूनिट पर भी कैंची चली है।

एनआइसी से मिली जानकारी के आधार पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से की जा रही इस कार्रवाई की तलवार अन्य पर भी लटकी है। जांच की कड़ी में यह देखा जा रहा है कि कार्डधारक कहीं आयकरदाता तो नहीं। इसके साथ ही दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वालों को भी जांच की इस कड़ी में शामिल किया गया है।

इसके अलावा उन महिलाओं की भी जांच की जा रही है जो विधवा पेंशन का लाभ लेते हुए राशन कार्ड से अपने पति का नाम नहीं कटवाई हैं। जिले में कुल 2079 सस्ते राशन की दुकान है, जहां आठ लाख, चार हजार कार्डधारक खाद्यान्न ले रहे हैं।

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एनआइसी की ओर से कार्डधारकों की सूची जिलापूर्ति विभाग को उपलब्ध कराई गई है। इसके बाद सक्रिय हुए विभाग ने सभी कोटेदारों से इस पर जानकारी मांगी है। विभागीय कर्मी भी अपने स्तर पर कार्डधारकों का सत्यापन कर रहे हैं। इसका उद्देश्य अपात्रों का नाम काटकर पात्रों को जोड़ना है।

आयकरदाता का राशन कार्ड नहीं बन सकता। इसके अलावा दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले भी इस दायरे में नहीं आते। एनआइसी की ओर से कुछ ऐसे कार्डधारकों की सूची विभाग को मुहैया कराई गई है जो इन दोनों श्रेणियों में आ रहे हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसी भी महिला लाभार्थी हैं, जिन्होंने पति की मौत के बाद राशन कार्ड से उनका नाम नहीं कटवाया है। जांच की कड़ी में इन सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।

अलग-अलग श्रेणियों के मुताबिक हो रही है जांच

एनआइसी की ओर से दी गई अलग-अलग श्रेणियों की सूची के आधार पर यह जांच की जा रही है। इस दौरान 25137 परिवारों की संभावित सूची दी गई है जो आयकरदाता की श्रेणी में आते हैं। अभी तक 1580 कार्डधारकों की जांच में 1435 कार्ड निरस्त किए गए हैं। इसके अलावा विधवा पेंशन ले रहीं 3630 यूनिट की जांच में 2460 मृतक का नाम कटवाया गया है। भूमि के आधार पर 3938 कार्डों की जांच में भी 480 अपात्र पाए गए हैं।

सभी का ई-केवाइसी किया गया अनिवार्य

शासन की ओर से सभी कार्डधारकों की ई-केवाइसी अनिवार्य की गई है, जिससे किसी के भी मृत होने की स्थिति में अब स्वत: नाम कट जाएगा। इसी दौरान मृतकों के नाम लिए जा रहे खाद्यान्न के बारे में न सिर्फ जानकारी हुई, बल्कि उनका नाम भी कटा। विभाग की ओर से ई-केवाइसी पर सत्यापन का कार्य अंतिम चरण में है। ऐसे में अन्य अपात्रों का नाम भी राशन कार्ड से जल्द ही कट जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अपात्रों का नाम काट पात्रों को खाद्यान्न मुहैया कराना है।

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जिले में सस्ते राशन की कुल दुकानें

ग्रामीण: 1991

शहरी: 88

अंत्योदय कार्डधारक: एक लाख, 25 हजार, 472

पात्र गृहस्थी कार्डधारक: छह लाख, 78 हजार, 528

जिलापूर्ति अधिकारी संतोष विक्रम शाही ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि आयकरदाता की श्रेणी में आने वाले कार्डधारकों का नाम कटे ही। बिना सत्यापन किसी का भी नाम नहीं काटा जा रहा। दो हेक्टेयर भूमि के सत्यापन के दौरान पता चल रहा है कि कई भाइयों में यह हिस्सा कम हो जा रहा है। सर्वे के कार्य में पूर्ति निरीक्षकों लगाया गया है। अपात्र होने की स्थिति में नाम कटने पर पात्रों को जोड़ा भी जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाई गई है। यदि किसी को कार्डधारक को कोई आपत्ती हो तो वह अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकता है।

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