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Jagran Effect: फसल बीमा योजना को लेकर प्रशासन सख्त, हर ब्लॉक से एक-एक हजार बीमा कराने के निर्देश

किसानों को बर्बादी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा लागू की गई है। इसमें मामूली प्रीमियम देकर किसान फसल का बीमा करा सकते हैं। कई साल से चल रही यह योजना जनपद में गति नहीं पकड़ रही थी। जिला प्रशासन ने जिम्मेदारों की उदासीनता को गंभीरता से लिया। प्रशासन ने इस बार इसे लेकर जिम्मेदारों पर नकेल कसी है।

By Anand Swaroop Chaturvedi Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 13 Jul 2024 03:22 PM (IST)
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खबर प्रकाशन के बाद फसल बीमा योजना को लेकर जागा प्रकाशन (फाइल फोटो)
संवाद सहयोगी, जौनपुर। पिछले साल साढ़े सात लाख किसानों में सिर्फ 14 हजार किसानों की फसलों का बीमा हुआ था। इसके चलते किसान महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से वंचित रहे गए। जिला प्रशासन ने जिम्मेदारों की उदासीनता को गंभीरता से लेते हुए इस बार नकेल कसी है।

हर सप्ताह की जाएगी समीक्षा

मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम ने कहा है कि प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक हजार व दो आकांक्षी ब्लॉक रामपुर व मछलीशहर में दो-दो हजार बीमा कृषि विभाग को बैंक व बीमा कंपनी के साथ मिलकर कराना है। प्रचार-प्रसार के साथ ही हर सप्ताह इसकी समीक्षा भी की जाएगी।

अन्नदाताओं को नहीं मिल पा रहा फसल बीमा का अपेक्षित लाभ

प्रकृति की मार से फसलों होने वाली क्षति से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सुरक्षा कवच बनी है, हालांकि इसका अपेक्षित लाभ अन्नदाताओं को नहीं मिल पा रहा है। किसानों को जागरूक करने तथा बीमा करने के लिए बीमा कंपनी के एजेंट गांवों में नहीं जाते।

अभियान कृषि विभाग की गोष्ठियों तक ही सीमित रह जाता है। परिणाम स्वरूप जनपद में दस प्रतिशत भी किसानों की फसलों का बीमा नहीं हो रहा है।

इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ पाने के लिए अधिक से अधिक किसान जुड़े इस मंशा से दैनिक जागरण अपने सरोकार के तहत पांच जुलाई से जागरूकता अभियान चलाया।

मुख्य विकास अधिकारी ने असंतोषजनक प्रगति पर जताई नाराजगी

अभियान का असर रहा कि दस जुलाई को समीक्षा बैठक में बीमा की असंतोषजनक प्रगति पर मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम ने न सिर्फ नाराजगी जताई, बल्कि निर्देशित किया कि आकांक्षी ब्लाक रामपुर व मछलीशहर में दो-दो हजार तथा 19 अन्य ब्लाकों में एक-एक किसानों की फसलों का अवश्य बीमा कराया जाए। चेतावनी दिया कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

इन फसलों का होगा बीमा...

खरीफ अभियान में उर्द, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, तिल और अरहर की फसलों का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसानों को प्रीमियम का दो प्रतिशत भुगतान करना होगा, शेष धनराशि सरकार द्वारा दी जाएगी।

फसलवार बीमित राशि व कृषक अनुदान (प्रति हेक्टेयर में)...

फसल बीमित राशि  कृषक अंशदान
उरद 71900 1438
धान 79800 1596
मक्का 35000 700
बाजरा 31900 638
ज्वार 58000 1160
अरहर 85500 1710
तिल 23100 462
कृषि उपनिदेशक हिमांशु पांडेय के अनुसार,  मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सभी सहायक विकास अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के लिए कहा गया है। बैंक व बीमा कंपनी के सहयोग से प्राथमिकता के आधार पर फसलों का बीमा कराने का विभाग प्रयास करेगा।

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